शब्बीर अहमद, भोपाल। नगरीय निकाय़ चुनाव की तिथि नजदीक आने के साथ ही 16 शहरों में अपना महापौर बनाने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी ताकत झोंक दी है। दोनों पार्टियों के दिग्गज नेता अपने-अपने उम्मीदवार के पक्ष में लागातर ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। वहीं कई सीटों पर बागी बीजेपी-कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं। नावी मैदान में कांग्रेस के 4 और BJP के 3 बागी बतौर महापौर उम्मीदवार खड़े हैं, जो दोनों पार्टिय़ों का खेल बिगाड़ सकते हैं। इसके कारण दोनों सियासी दल नई रणनीति बनाने में जुए गए हैं।
मध्यप्रदेश में 7 साल बाद नगरीय निकाय चुनाव हो रहे हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसे सेमिफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। परिणाम के बाद लगभग ये साफ हो जाएगा जनता किस तरफ है सत्ता पक्ष या विपक्ष….इसी बात को ध्यान में रखते हुए बीजेपी और कांग्रेस के नेता दिन रात पार्टी के पक्ष मे माहौल बनाने में जुटे हुए हैं। इसी बीच कई सीटों पर बागी जीत का समीकरण बिगाड़ रहे हैं। अब देखना होगा बागी बीजेपी और कांग्रेस का कितना चुनाव गणित बिगाड़ते है। क्योंकि दोनों दलों ने चुनाव को साख का सवाल बना लिया है। साथ ही विधानसभा चुनाव से पहले इसे लिटमिस टेस्ट के तौर पर भी देखा जा रहा है।
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इन सीटों पर खड़े हैं बागी
चुनावी मैदान में कांग्रेस के 4 और BJP के 3 बागी बतौर महापौर उम्मीदवार खड़े हो गए हैं। इनमें कांग्रेस महिला मोर्चा ग्वालियर की पूर्व जिला अध्यक्ष रुचि गुप्ता और सतना में कांग्रेस के सईद अहमद ने तो चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ही बदल ली। अहमद BSP के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं। रुचि आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं। हालांकि, छिंदवाड़ा में BJP से बागी हुए जितेंद्र शाह को BJP ने मना लिया है, लेकिन वे चुनाव मैदान में बने रहेंगे। देवास में प्रदेश कांग्रेस महासचिव शिवा चौधरी की बहू मनीषा चौधरी के निर्दलीय मैदान में उतरने से खेल बिगड़ सकता है। कटनी में महापौर पद के लिए 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। यहां भाजपा की टेंशन बागी प्रीति सूरी बढ़ा रही है।
बागियों को मनाने दोनों पार्टियों ने झोंकी पूरी ताकत
टिकट नहीं मिलने से नाराज और चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे नेताओं को मनाने के लिए दोनों दलों के बड़े नेताओं ने पूरी ताकत लगा दी है। अधिकतर जगह पर बागियों को आखिरी समय तक बैठा दिया। वहीं कई जगह बागी अभी भी डटे हुए है जो खेल बिगाड़ रहे हैं। दोनों दलों की तरफ से दावा किया जा रहा है पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे नेता चुनाव में उनका कोई नुकसान नहीं कर पाएंगे।
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