रायपुर. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने हाल ही में बयान दिया है कि आगामी चुनाव में भाजपा किसी चेहरे को आगे नहीं करेगी. जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह ने फिर से यह बयान देकर मान लिया कि भाजपा के पास कोई भी विश्वसनीय चेहरा नहीं है. जिसे आगे करके वह 2023 के विधानसभा चुनाव में जाएगी. इस बात से साफ है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कद का भाजपा के पास कोई नेता नहीं बचा है. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की नीतियों का मुकाबला करने के लिए भाजपा के पास कोई नेता नहीं है. इसलिए भाजपा किसी भी के चेहरे को आगे करने के लिए परहेज कर रही है.

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के भाजपा के नेताओं पर से जनता का भरोसा उठ ही गया था, अब उनके आलाकमान को भी भरोसा नहीं है. स्वयं रमन सिंह के नेतृत्व को जनता 2018 में नकार दिया था. रमन मंत्रिमंडल के सारे नेताओं पर भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी के दाग लगे हैं. यही कारण है कि किसी को चेहरा बनाने का साहस नहीं दिखा पा रही. पहले डॉ. रमन ने स्वीकार किया था कि वे भी भाजपा का छोटा-मोटा चेहरा हैं, उन्होंने आज माना कि उनकी पार्टी में कोई भी चेहरा नहीं है. भाजपा मजबूरी में मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी. डॉ. रमन सिंह का यह बयान 2023 के चुनाव के पहले ही भाजपा की हार को प्रदर्शित करता है.

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने यह भी कहा कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता उनकी सरकार की योजनाओं के सामने छत्तीसगढ़ में भाजपा के सारे नेता बौने साबित हो गए हैं. भाजपा नेतृत्व को समझ ही नहीं आ रहा किसे आगे करें, इसीलिए भाजपा ने साढ़े तीन साल में चार अध्यक्ष बदल लिया. साथ ही नेता प्रतिपक्ष बदल लिया.

आगे उन्होंने कहा, 2018 में धरमलाल कौशिक के अध्यक्ष रहते भाजपा विधानसभा चुनाव हार गई. उसके बाद विक्रम उसेंडी अध्यक्ष बनाए गए. उनके नेतृत्व में चित्रकोट, दंतेवाड़ा उपचुनाव, निकाय चुनाव हारने के बाद नया अध्यक्ष विष्णुदेव साय को बनाया गया. उनके नेतृत्व को भी जनता ने नकार दिया. दो उपचुनाव मारवाही, खैरागढ़ पंचायत और नगरीय निकाय के दूसरे चरण में भाजपा बुरी तरह हार गई. अब अरुण साव को आगे लेकर आए हैं. उनके नेतृत्व में भाजपा भानुप्रतापपुर उपचुनाव और 2023 का विधानसभा चुनाव हारने की तैयारी में है.