रायपुर। पैगासस स्पाईवेयर को लेकर दिल्ली से लेकर रायपुर तक सियासी पारा चढ़ा हुआ है. हाईटेक जासूसी के खिलाफ कांग्रेसियों ने राजधानी में गुरुवार को पैदल मार्च निकाला. मामले की सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में न्यायिक जांच की मांग के लिए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह को पद से हटाने और मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग की है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की अगुवाई में कांग्रेसियों ने राजीव भवन से पैदल मार्च शुरू कर राजभवन पहुंचे. राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात कर गृह मंत्री अमित शाह की बर्खास्तगी के साथ जासूसी कांड की सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में न्यायायिक जांच की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधि मंडल में दो मंत्री और 15 विधायक शामिल थे.

कांग्रेस ने की घटना की निंदा

राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा देश के केबिनेट मंत्री, संवैधानिक पदों पर आसीन अधिकारियों, भारत के सुरक्षा बलों के वर्तमान और पूर्व प्रमुख, विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं, पत्रकारों, वकीलों के सेल फोन की विदेशी कंपनी-पेगासस के माध्यम से अवैध और असंवैधानिक रूप से हैकिंग कर जासूसी किए जाने का खुलासा हुआ है, जो बेहद निंदनीय है.

संसद का कामकाज प्रभावित

बता दें कि इसराइल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ द्वारा तैयार पेगासस स्पाईवेयर के जरिए भारत के अनेकों राजनीतिज्ञ, पत्रकार और चर्चित हस्तियों के मोबाइल में हैक कर उनकी जासूसी की बात हाल ही में सामने आई है. मामले में विपक्ष सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश की अगुवाई में जांच की मांग कर रहा है. मामले में संसद तक की कार्रवाई ठप पड़ी है.

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सरकारी एजेंसियों को सॉफ्टवेयर बेचने का दावा

पेगासस स्पाईवेयर को लेकर भारत में ही नहीं बल्कि मेक्सिको से लेकर सऊदी अरब, फ्रांस तक बवाल मच चुका है. यहां तक फेसबुक जैसी सॉफ्टवेयर कंपनी तक ने इस कंपनी के खिलाफ मुकदमा किया हुआ है. पेगासस बनाने वाली कंपनी का दावा है कि यह सॉफ्टवेयर केवल सरकारी एजेंसियों को ही देती है, लेकिन भारत के बारे में आधिकारिक तौर पर ये जानकारी नहीं है कि सरकार ने एनएसओ से ‘पेगासस’ को खरीदा है या नहीं.

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