रायपुर। कोल घोटाला मामले में विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस नेता विनोद तिवारी और आरपी सिंह की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है. आज रायपुर की स्पेशल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई, लेकिन इन तीनों नेताओं में से कोई भी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ. जबकि जेल के बाहर सभी आरोपियों को कोर्ट में हाजिर होना था. कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने तीनों के खिलाफ दूसरा जमानती वारंट जारी कर दिया है.

जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने मामले में 7 अन्य लोगो को भी फिर से समंस जारी किया है. इसमें रजनीकांत तिवारी, मनीष उपाध्याय, नवनीत तिवारी, नारायण साहू, पीयूष साहू, पूर्व विधायक चंद्रदेव राय, और रोशन कुमार सिंह शामिल है. सभी आरोपियों को 27 मार्च तक कोर्ट में हाजिर होने को कहा है. आज सुनवाई के दौरान विधायक देवेंद्र यादव के वकील द्वारा अनुपस्थिति को माफ करने के लिए आवेदन लगाया गया था. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिसे कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.

इससे पहले देवेंद्र यादव के वकील ने कोर्ट में उनका पक्ष रखते हुए बताया कि विधायक होने के नाते देवेंद्र को पार्टी कैंपेन और विधानसभा भी अटैंड करना होता है. वकील ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट में उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई है और 29 तारीख को अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है. इसलिए उनकी उपस्थिति को माफ करके उनकी उपस्थिति वकील के माध्यम से स्वीकार की जाए. इसपर ED के वकील सौरभ पांडेय ने तर्क दिया कि सीआरपीसी में ऐसा कोई प्रावधान उपलब्ध नहीं है. मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट नॉन बेलेबल है अगर ऐसी स्थिति में किसी को बेल वारंट जारी होता है तो उन्हें काेर्ट में हाजिर होने के लिए पहले अग्रिम जमानत लेकर उपस्थित होना पडे़गा.

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