निमिष तिवारी, बागबाहरा. प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यहां कांग्रेस को जीत मिल गई है. कुछ दिनों से नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों के बीच चल रही खींचातानी बुधवार को समाप्त हो गई. राईट टू रिकॉल के तहत हुए मतदान में कांग्रेस की नपा अध्यक्ष बसंती ने पुनः कब्जा जमा लिया है.

गौरतलब है कि 15 पार्षदों वाली इस नपा में 14 पार्षदों ने नपा के विकास कार्यों में नपा अध्यक्ष के पति का हस्ताक्षेप लगात हुए जिला कलेक्टर के आवेदन दिया था. पार्षदों के द्वारा दिये गये आवेदन को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर नें राईट टू रिकॉल के तहत चुनाव कराने के निर्देश जारी किये थे. 14 अक्टूबर को खाली कुर्सी और भरी कुर्सी के बीच चुनाव हुआ. जिसमें 13,281 मतदाताओं में 52.21 प्रतिशत मतदाताओ ने अपने मताधिकार का प्रयोग किये. बुधवार को हुई मतगणना में भरी कुर्सी को 3479 मत मिले. वही खाली कुर्सी को 3459 मत मिले. जिसमें से नपा अध्यक्ष में 14 पार्षदों की साजिशों पर जनता नें 20 मतों से पुनः कुर्सी पर बैठा दिया. रिटर्निंग अधिकारी ने नपा अध्यक्ष बंसती को पुनः कुर्सी सम्हालने के लिए आमंत्रित किया.

15 में 14 पार्षदों ने किया था साजिश

नपा अध्यक्ष पति के विकास कार्यों में हस्ताक्षेपी के लिए 14 पार्षदों ने एकजुटता दिखाते हुए, नपा अध्यक्ष के प्रति हल्लाबोल किया था. जिसमें 5 भाजपा. 5 कांग्रेस व 5 अन्य निर्दलीय पार्षद नगर में है. नपा अध्यक्ष के लिए खिलाफ हल्ला बोल में 4 कांग्रेसी पार्षद सहित कुल 14 पार्षदों ने मिलकर मोर्चा खोले थे. नपा अध्यक्ष ने कहा कि जनता ने पुनः सेवा करने का मौका दिया है. साथ ही चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के जीत के संकेत दिखाई दे रहे हैं.

कांग्रेस के लिए शुभ संकेत

प्रदेश में जहां विधानसभा चुनाव होने वाले है. वहीं चुनाव से महज गिने चुने दिनों पहले कांग्रेस की इस जीत से कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं के चेहरों पर मुस्कान देखी गई. जीत से उत्साहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के लिए शुभ संकेत है. इस जीत का पूरे प्रदेश भर में प्रभाव पड़ने की बात कहे है. जीत की घोषणा के बाद कांग्रेसियों ने जमकर फटाखे फोड़े, चुनाव की रणनीति बनाने में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आलोक चन्द्राकर और ब्लॉक अध्यक्ष अंकित बागबाहरा की विशेष भूमिका रही.