रायपुर। अनुबंध की शर्तों के तहत सेवा उपलब्ध नहीं करा पाने पर राज्य उपभोक्ता फोरम ने टूर पैकेज कंपनी को अग्रिम भुगतान की राशि लौटाने के साथ परिवादी को वादव्यय देने के लिए आदेशित किया है. टूर पैकेज कंपनी के प्रतिनिधि की अनुपस्थिति में उपभोक्ता फोरम ने एकतरफा फैसला सुनाया. इसे भी पढ़ें : वियतनाम की प्रॉपर्टी टाइकून ट्रूओंग माई लैन को 12 अरब डॉलर के धोखाधड़ी मामले में मिली मौत की सजा…

बता दें कि तेलीबांधा निवासी परिवादी नेहा तोलानी के पति विक्की तोलानी को वाट्सअप पर 6 मई 2023 को टूर पैकेज कंपनी के कार्यालय से रायपुर स्थित होटल में रात्रि भोज और वाउचर के लिए निमंत्रण देते हुए कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण दिया था. आकर्षक टूर पैकेज ऑफर को देखते हुए परिवादी ने 5 वर्ष की अवधि के लिए 1,40,000 रुपए की सिल्वर टूर पैकेज की पॉलिसी के लिए 50 हजार रुपए अग्रिम भुगतान किया.

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लेकिन 24 घंटे के भीतर विरूद्ध पक्षकार एवं उनके प्रतिनिधि को फोन पर उक्त पैकेज पॉलिसी रद्द करने की जानकारी दी. इस पर पक्षकार ने भुगतान की गई राशि 50,000 रुपए में से 25,000 रुपए कटौती के पश्चात् शेष राशि परिवादिनी को वापस करने की जानकारी दी, जबकि 50,000 रुपए भुगतान किए जाने के पश्चात् भी टूर पैकेज कंपनी ने पॉलिसी पैकेज के अंतर्गत होटल या गंतव्य के लिए उड़ान या रेलवे टिकट की बुकिंग नहीं की थी, जिससे अनुबंध शर्तों का उल्लंघन हो.

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टूर पैकेज कंपनी के व्यवहार से क्षुब्ध होकर परिवादी ने राज्य उपभोक्ता आयोग के समक्ष याचिका पेश किया. सुनवाई के लिए मामले को स्वीकार करते हुए टूर पैकेज कंपनी को नोटिस जारी किया गया, किंतु नोटिस मिलने के बाद भी टूर पैकेज कंपनी सुनवाई में अनुपस्थित रही, जिसके कारण परिवाद में उनके खिलाफ एकपक्षीय कार्यवाही की गई.

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सुनवाई के दौरान दस्तावेजों के अवलोकन से राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया एवं सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा की पीठ ने यह पाया कि अनुबंध की शर्तों में मनमाने ढंग से नॉन रिफन्डेबल एडमिशन/प्रोसेसिंग शुल्क 25,000/-रुपए तथा एक अन्य कंडिका में 30 दिन के भीतर पैकेज की संपूर्ण राशि भुगतान नहीं किए जाने पर जमा राशि जब्त किया जाना मनमाना एवं अनुचित है.

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विरूद्ध पक्षकार द्वारा अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत परिवादी को कोई भी सेवा उपलब्ध नहीं कराई गई थी, और अग्रिम भुगतान की राशि में से एडमिशन/प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर 25,000 रुपए की कटौती अनुचित है. इसके साथ ही पीठ ने पाया कि टूर पैकेज कंपनी एक उचित अनुपात में एडमिशन/प्रोसेसिंग शुल्क कटौती का हकदार है. इस प्रकार टूर पैकेज कंपनी को आदेशित किया गया कि वे अग्रिम भुगतान की गई 50,000 रुपए में से एडमिशन/प्रोसेसिंग शुल्क के तौर पर 5,000 रुपए की कटौती कर 45,000 रुपए का भुगतान करें. इसके साथ परिवादी को वादव्यय के रूप में 5,000 रुपए अदा करें.