लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद। मानसून की दस्तक देते ही अन्नदाता किसान अपने कृषि कार्य में जोर-शोर से जुट जाते हैं. लेकिन बालोद जिले में माइनर नाली निर्माण में लगे ठेकेदार ने खेतों में मिट्टी और मुरुम का ढेर लगा दिया है, जो किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. परेशान किसानों ने ढेर को जल्द नहीं हटाए जाने पर कलेक्टर से शिकायत करने की चेतावनी दी है.

बालोद जिले के डौंडी विकासखंड स्थित ग्राम पंचायत लिमऊडीही के आश्रित गाँव खुर्शीटिकुर के अंडीबाहरा बांध से किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए करोड़ों रुपए खर्चकर 2.5 किमी माइनर नाहर नाली का निर्माण किया जा रहा है. इस निर्माण से सैकड़ों किसानों के कृषि भूमि पर पानी की सिंचाई की जा सकती है. लेकिन निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार ने नहर खोद निकाले गए मिट्टी और मुरुम को खेतों में जगह-जगह ढेर बना छोड़ दिया है.

अब मानसून की दस्तक के साथ जब किसानी की बार आई है, तो यह मिट्टी-मुरुम का ढेर किसानों के लिए मुसीबत बन गया है. किसानों का कहना है कि ऐसी स्थिति में हम कृषि कार्य कैसे कर पाएंगे.

ग्राम खुर्शीटिकुर के किसान कृष्ण कुमार भंडारी ने बताया कि उनके खेत में जगह-जगह मिट्टी डाल दी गई है. नहर लाइनिंग का काम होते देख खुश थे कि हमारे खेतों में पानी इस नहर से मिल जाएगा, लेकिन पानी तो छोड़ो, मिट्टी-मुरुम को खोद कर हमारे खेतों में डाल दिया गया है. अब हम किसानी का कार्य कैसे करें.

ग्राम पंचायत लिमऊडीही सरपंच सुखदेव राम पिस्दा ने बताया कि ठेकेदार ने नहर लायनिंग का काम होली के पहले ही काम बंद कर दिया था. हम सोच रहे थे कि गर्मी में ठेकेदार हमारे खेतों से मलबा हटा लेगा, लेकिन आज तक मिट्टी-मुरुम के साथ पाइप हमारे खेतों में पड़े हैं. कुछ ग्रामीण खेती करने की मजबूरी में अपनें पैसो से या कर्ज लेकर खेतों की मिट्टी उठाने में मजबूर हैं. लेकिन न तो इस बात की विभाग को चिंता है, न ठेकेदार को.

जल संसाधन विभाग – डौंडी के एसडीओ एसके गौर का कहना है कि कई बार बोलने के बाद भी ठेकेदार ने मिट्टी-मुरुम नहीं हटाया है. दो दिन पूर्व फिर से बात हुई है. 10-15 दिन में हटाने की बात ठेकेदार ने कही है. अब देखना होगा कि अधिकारी की बात पर ठेकेदार कब तक अमल कर पाते हैं, और किसानों की मुसीबत कब खत्म होती है.