रायपुर। डी पुरंदेश्वरी के दौरे की खबरों से छत्तीसगढ़ में सियासी हलचलें तेज हो गई हैं. इस बार भी उनके दौरे में प्रदेश का कोई बड़ा नेता साथ नहीं होगा. एक ओर प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय का जशपुर में पदयात्रा का कार्यक्रम है. वहीं पूर्व सीएम रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक से लेकर बाकी नेता विधानसभा में व्यस्त हैं.

इसको लेकर कांग्रेस का कहना है कि प्रभारी यहां के बड़े नेताओं को अपने साथ इसलिए भी लेकर नहीं जा रही हैं, क्योंकि उन्हें यह डर है कि वे जब इन नेताओं के साथ लोगों के बीच जाएंगी तो लोगों को 15 साल के कुशासन की याद आएगी. प्रदेश अध्यक्ष को लेकर जाने का प्रोटोकॉल होता है. उसके बावजूद भी वे इन्हें लेकर नहीं जा रही है.

वहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस पहले अपना घर देख ले, उसे बचा ले, उसके बाद हमसे सवाल करे. हमारे यहां सभी कार्यकर्ता पार्टी के नेता हैं.

दरअसल, भाजपा ने मिशन-2023 के लिए बड़ी तैयारी की है. इसके लिए 555 दिनों की कार्य योजना बनाकर काम किया जा रहा है. पहले चरण में बस्तर पर फोकस किया जा रहा है. बस्तर में तीन जिलों की बैठकें पिछले माह हो चुकी हैं.

अब बचे चार जिलों में बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा और जगदलपुर की बैठक होनी है. प्रभारी पुरंदेश्वरी 14 मार्च को आएंगी. इसपर कांग्रेस का कहना है कि डी पुरंदेश्वरी जितना दौरा करेंगी, कांग्रेस को उतना अधिक फायदा होगा.

उनके आने से भाजपा की आपसी कलह सामने आएंगी. वे बड़े नेताओं की पूछ परख नहीं कर रही हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि बीजेपी के बड़े नेता सामने आएंगे तो उनके द्वारा 15 साल से किए गए भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएगी.

वहीं भाजपा ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. भाजपा का कहना है कि डी पुरंदेश्वरी 2023 की तैयारियों के संदर्भ में लगातार प्रदेश के दौरे पर आ रही है, लेकिन उनके दौरे से कांग्रेस को तकलीफ होती है. उन्होंने 36 में से 1 वादें भी पूरे नहीं किए. इसलिए वे दूसरे की घरों में झांकने की कोशिश करते हैं. वे अपनी उपलब्धियां गिना नहीं पा रहे हैं. इसलिए दूसरो के घरों में झांकते हैं.