बिलासपुर। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पति-पत्नी आधार पर पूर्व में कोरोना ग्रस्त एएसआई के ट्रांसफर पर स्थगन दिया है. इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक को स्थानांतरण निरस्त करने के लिए दिए गए अभ्यावेदन का तीन सप्ताह के भीतर निराकृत करने के लिए निर्देशित किया है. 

कांकेर निवासी चेतन साहू कांकेर पुलिस थाना में सहायक उप निरीक्षक के पद पर पदस्थ थे. पुलिस अधीक्षक ने उनका स्थानांतरण 100  किमी दूर पुलिस थाना-सिकसोड़ कर दिया था. इस स्थानांतरण आदेश के खिलाफ चेतन साहू नेहाईकोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दायर का गई थी, लेकिन सिंगल बेंच से राहत ना मिलने पर अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और लक्ष्मीन कश्यप के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर की थी. अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को एक साल के भीतर लगातार तीसरी बार ट्रांसफर कर परेशान किया जा रहा है. यही नहीं याचिकाकर्ता की पत्नी अर्चना साहू कांकेर पुलिस लाइन में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ है.

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याचिकाकर्ता चेतन साहू और उनकी पत्नी अर्चना साहू कोविड-19 वायरस से संक्रमित होकर हास्पिटल में भर्ती रहे. कोरोना संक्रमण की वजह से उनकी प्रतिरोध क्षमता बहुत कमजोर हो गई है, और वे एक साथ रहकर सेवा देना चाहते है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने छग शासन द्वारा 27 मई 2020 को जारी सर्कुलर का हवाला दिया गया कि कोविड -19 (कोरोना) वायरस के संक्रमण के दौरान किसी भी शासकीय कर्मचारी स्थानांतरण नहीं किया जा सकता. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा रिट अपील को स्वीकार करते हुए एएसआई चेतन साह का पुलिस थाना-कांकेर से पुलिस थाना-सिकसोड़ किये गये स्थानांतरण पर स्थगन (स्टे) कर दिया है.