पत्थलगांव। कोरेना से आज पूरा देश अछूता नहीं है. लेकिन जशपुर जिला का यह गांव अपनी आपसी तालमेल से कोरेना को आस-पास भटकने तक नहीं दिया. यह गांव फरसाबहार के अंतर्गत ग्राम पेरवारा है. ये शहीद वसीन टोप्पो का गांव भी है, जिन्होंने बस्तर नक्सली हमला में शहीद हुए थे.

पेरवारा गांव के लोगों ने कोरोना आपदा के दौरान पूरी सतर्कता बरती है. इससे गांव में एक भी व्यक्ति संक्रमण का शिकार नहीं हुआ. इस गांव में आपस में मिलजुलकर रहने के कारण इनकी एकजुटता की अलग मिसाल है.

ग्रामीणों की जागरुकता की वजह से 45 से ऊपर की उम्र के लोगों की वैक्सीनेशन के लिए 65 का लक्ष्य के विरुद्ध 75 लोगों ने टीकाकरण कराया है. गांव के लोग बताते हैं कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान यहां लॉकडाउन के वक्त कोविड नियमों का सभी ने पूरी सख्ती से पालन किया.

गांव में बाहरी आवागमन बंद

इस अवधि में गांव से बाहर जाने वाले सभी रास्तों पर बबूल के कांटे डालकर आवागमन बंद कर दिया था. पड़ोसी राज्य ओड़िशा से पूरी तरह सम्पर्क काट दिया था. इस कड़ाई से लोगों को थोड़ी परेशानी अवश्य हुई, लेकिन यहां किसी भी घर का सदस्य कोरोना संक्रमण का शिकार नहीं हुआ.

पूर्व सरपंच अन्थोनी टोप्पो ने बताया कि “हमने कलेक्टर के दिशा निर्देश का सख्ती से पालन किए. गांव में कोरोना के प्रति सतर्कता बरतने के कारण गांव में एक भी व्यक्ति संक्रमण का शिकार नहीं हुआ. ओड़िशा राज्य की सीमा पर कांटे बिछा कर आवागमन बंद रखा गया”

read more- Chhattisgarh Ranked Second by Central Department of Health and Family Welfare for the FY 2021-22