दुर्ग. ग्लोबल हैण्डवाशिंग डे 15 अक्टूबर को हर साल मनाया जाता है ताकि कई बीमारियों से बचाव के लिए साबुन को एक प्रभावी विधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सके. इस खास दिन को मनाने के लिए ग्लोबल हैंडवाशिंग डे के लिए इस बार की  थीम ‘हैंड हाइजीन फॉर ऑल’ निर्धारित की गयी है. वर्तमान महामारी के दौरान रोगों को रोकने में हैंडवॉशिंग (Hand washing) की प्रभावशीलता बहुत अधिक  है. साबुन से हाथ धोना एक प्रभावी उपाय है जो कोविड-19 (COVID-19) के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. ग्लोबल हैंडवाशिंग डे-2020 रचनात्मक विचारों को फैलाने पर केंद्रित है जो इस  महत्वपूर्ण समय के दौरान लोगों को हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है. साबुन से हैंडवॉश करने से आपके हाथों पर मौजूद संक्रमण (Infection) को हटाने में मदद मिलती है.

 दुर्ग जिला सर्विलेंस अधिकारी डॉ. अर्चना चौहान बताती हैं, कोरोना संक्रमण के बाद काफी हद तक हाथ की स्वच्छता बनाये रखना हमारे व्यवहार में आया है. कई लोगों ने इसे जिम्मेदारी समझकर अपनाया है तो वही कुछ लोग इसे संक्रमण के डर से अपना रहे है. सही तरह से हाथ धुलने से हम दस्त, टाइफाइड, निमोनिया, पेट संबंधी रोग, आँख में होने वाले संक्रमण, त्वचा संबंधी रोग आदि से बच सकते है .

डॉ. चौहान का कहना है हाथ धुलने का सही तरीका दो मिनट तक साबुन से छह चरणों में हाथ धोना चाहिए. इसमें  सबसे पहले सीधे हाथ पर साबुन लगाकर रगड़ना, उसके बाद उल्टे हाथ, फिर मुट्ठी, इसके बाद अंगूठे, तथा अंत में  नाखून और कलाई धोनी चाहिए. इस तरह से अगर हम अपने हाथों को धोयेंगे तो निश्चित रूप से 90 प्रतिशत तक बीमारियों से बच सकते हैं. यह संक्रमण से बचाव का बहुत छोटा मगर प्रभावी कदम है.

द स्टेट ऑफ हैंड वॉशिंग की 2016 की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्र में 54 प्रतिशत आबादी शौचालय के बाद हाथ धोती है, वही सिर्फ 13 प्रतिशत आबादी  खाना बनाने से पहले और 27 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोती है. दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में 94 प्रतिशत लोग शौचालय के बाद हाथ धोते है, 74 प्रतिशत खाना बनाने से पहले और 79 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोते है.

हाथ धोने की अच्छी आदत है जरूरी

महिला एवं बाल विकास विभाग दुर्ग जिले के रसमड़ा सेक्टर की महिला पर्यवेक्षक सुश्री शशि रैदास ने बताया , सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को हाथ धुलाते हुए इसे अच्छी आदतों में शामिल करने के लिए जागरूक किया जाएगा.  हाथ की स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत ही आवश्यक है. हाथों को स्वच्छ रखने से कई संक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है. इसलिए बचपन से ही बच्चों में साबुन से अच्छी तरह हाथ धुलाई करने की आदत डालनी चाहिए ताकि कई तरह की बीमारियों से बचा जा सके.

ग्लोबल हैण्डवाशिंग डे के उपलक्ष्य में आज आंगनबाड़ी केंद्र दमोदा की कार्यकर्ता बिंदू कल्यारे, आंगनबाड़ी केंद्र की खुरसुल क्रमांक-2 की कार्यकर्ता रामेश्वरी साहू, रमसड़ा आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता जानकी निषाद, सिलोदा की कार्यकर्ता ललिता राजपूत और कोटनी की रत्नी साहू व पीपरछेड़ी की कार्यकर्ता उत्तम कुंवर ने बच्चों व महिलाओं के हाथ धुलवाए . वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बच्चों को शौच के बाद , खाना बनाने व खाने से पहले, मुंह, नाक व आँखों को छूने के बाद, खाँसने व छींकने के बाद, घर की साफ-सफाई करने के बाद, किसी बीमार व्यक्ति से मिलकर आने के बाद व पालतू जानवरों से खेलने के बाद हाथ धोने के बारे में बताया.