नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के बिगड़ते हालात पर चिंता जताई है. सभी राज्यों से कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. नवंबर में कोरोना के मामलों में तेजी आने के बाद से कोर्ट ने दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, असम समेत सभी सरकारों से ताजा स्थिति के संबंध मे रिपोर्ट मांगा है.  इस मामले में अब सुनवाई शुक्रवार को फिर से होनी है.

न्यायाधीश अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने दिल्ली और गुजरात में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी पर चिंता जताई. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में पिछले 2 हफ्तों में हालात काफी बिगड़े हैं. जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने खराब COVID-19 की स्थिति को गुजरात और दिल्ली की खिंचाई की. इस दौरान बाकी राज्यों से भी रिपोर्ट मांगी गई है. कोर्ट की तरफ से साफ कहा गया है कि अगर सावधानी नहीं बरती गई तो दिसंबर में स्थिति बहुत बुरी हो सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में कोरोना के मामले बढ़ने के बावजूद शादी, समारोह और लोगों के इकट्ठा होने को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद गुजरात की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है.

 स्वत: संज्ञान लिया

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना रोगियों के सही इलाज और अस्पतालों में कोरोना रोगियों के शवों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार को लेकर स्वत: संज्ञान लिया है. मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम आर शाह की पीठ को सौंपी है.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि शवों के साथ अनुचित व्यवहार हो रहा है. कुछ शव कूड़े में मिल रहे हैं. लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मीडिया ने इस तरह की रिपोर्ट दिखाई हैं. कोर्ट ने इस मामले पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली और उसके अस्पतालों में बहुत अफसोसजनक स्थिति है.