रायपुर छत्तीसगढ़ में कोरोना पाॅजिटिव तीन केस सामने आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनता के नाम संदेश दिया है. उन्होंने अपने संदेश में राज्य की जनता के लिए इस विपदा की घड़ी में बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री ने अपनी पूरी बात राजभाषा छत्तीसगढ़ी में कही है. जिससे की उनकी बात-बात गाँव-गाँव के लोगों को बहुत सहजता के साथ समझ आ सके है. उन्होंने हिंदू नव वर्ष, गुड़ी पर्व और नवरात्रि की बधाई के साथ अपनी बात की शुरुआत की. उन्होंने राहत का ऐलान करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहेगा. उन सभी लोगों तक हम मदद पहुँचा रहे हैं, जो रोज कमाने-खाने वाले हैं. कलेक्टर को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया गया है उन्हें किसी भी समान की दिक्कत नहीं होनी चाहिए. उन तक हर व्यवस्था पहुँचानी है.

                                                                  मुफ्त राशन, खाते पहुँचेगा पैसा

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दो महीने का राशन पूरी तरह से मुफ्त दिया जाएगा. इसे लेकर सभी राशन दुकानों को निर्देशित कर दिया गया है. वहीं मुख्यमंत्री ने दूसरे प्रदेशों में फंसे राज्य के मजदूरों के लिए भी एक बड़ा ऐलान किया है. सीएम बघेल ने अपने संदेश में कहा है कि जो भी लोग इस वक्त जहाँ पर फंसे हैं वहीं पर रहे. उन्हें किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. वे संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर रहे हैं. अगर आवश्यकता पड़ी तो वे मजदूरों के खाते में छत्तीसगढ़ सरकार पैसे ट्रांसफर करेगी.

                                                                             21 दिनों का तप

वहीं उन्होंने राज्य के लोगों से यह अपील की है कि लोगों 21 दिनों को तप का दिन माने. नवरात्रि के पर्व में हम अपने ईष्ट के पास रहते हैं. बस इसी तरह से हमें अपने घर में रहना है. इन 21 दिनों को आप कानून की सख्ती न समझे, बल्कि यह समझे कि यह जीवन की सुरक्षा है. जीवन को बचाने के जो भी उपाय किए जा रहे हैं वे सब कर रहे हैं. उन्होंने गाँव वालों से कहा कि कोई भी बाहर आना-जाना न करें. न ही किसी को एक गाँव से दूसरे गाँव में आन दीजिए. अभी आप सभी को सजग और सतर्क रहने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत से गांवों से साथी लोग फोन करके बता रहे हैं कि हम लोग अपने गांवों में बाहर से जो लोग आ रहे हैं उन्हें बिना मेडिकल चेकअप के गांव के भीतर नहीं आने देंगे. यही सही मायने में कर्फ्यू का अर्थ है. यह कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं है बल्कि ये आम जनता की सुरक्षा का मामला है. यही हम चाह रहे हैं कि लोग अपने अपने गांवों-शहरों और मोहल्लों में सुरक्षा करें. किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर नहीं जानें दें और कोई भी बाहरी व्यक्ति आते हैं तो उनकी जांच किए बिना घर में नहीं आने देना है.

     सामाजिक संगठनों से अपील

मुख्यमंत्री ने सामाजिक संगठनों से जिनके पास भोजन पकाने की व्यवस्था है. जरूरतमंदों के लिए भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने अपील की है. उन्होंने कहा है कि लंगर लगाकर खिलाने का काम नहीं करना है, बल्कि पैकेट बनाकर कलेक्टर के माध्यम से सूचना देकर जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम करना है. उन्होंने कहा कि जो लोग घर में हैं उनके लिए खाने-पीने के सामान की बहुत सारी कमी हो जाती है, जो रोज कमाते खाते हैं उनके सामने यह स्थिति ज्यादा निर्मित होती है. इस सबंध में कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि जैसे ही जानकारी मिले या फोन के माध्यम से सूचना मिले वहां तहसीलदारों, नगर निगम और नगर पालिका के अधिकारियों के माध्यम से उनकी आवश्यकता की पूर्ति की जाए, जो भी जरूरतमंद हैं उनकी आवश्यकता की पूर्ति हो. इस बात का विशेष ध्यान रखना है। कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए। हमारे राज्य में किसी प्रकार की कमी नहीं है.

  जन सहयोग जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने जो सहयोग अभी तक दिया है. पूरे देश भर में उसकी सराहना हो रही है. यह सब यहां की जनता के सहयोग से हो रहा है. पूरा प्रशासन जनता की सेवा में लगा है. चौबीस घंटा और सातों दिन अधिकारियों को काम करना है. इसके अलावा डॉक्टर और उनके स्टाफ के लोग भी सेवा में लगे हुए हैं. पूरा तंत्र जनता के स्वास्थ्य और भोजन तथा अन्य जरूरी व्यवस्था में लगा हुआ है. इन कार्यो में सभी लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है.

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