मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) कुत्तों के आतंक से जूझ रही है। पिछले कुछ दिनों से यहां डॉग्स बाइट के मामले बढ़ते जा रहे है। आवारा कुत्तों के कारण कुछ बच्चों की जान भी जा चुकी है। वहीं डॉग बाइट (Dog Bite) के लगातार बढ़ रहे मामलों को रोकने के लिए नगर निगम ने नया प्लान बनाया है।

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600 की क्षमता वाले बनेंगे 3 डॉग रेस्क्यू सेंटर
नगर निगम ने भोपाल को फ्री स्ट्रीट डॉग शहर बनाने की कवायत शुरू कर दी गई है। आंकड़ों की माने तो भोपाल में 1 लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते मौजूद हैं। नगर निगम परिषद का आंतरिक बजट आने के बाद भोपाल में 600 की क्षमता वाले 3 डॉग रेस्क्यू सेंटर बनकर तैयार किए गए हैं। प्रत्येक डॉग रेस्क्यू सेंटर में 200 कुत्तों की रखने की क्षमता बनाई गई है। जिसके बाद आवारा कुत्तों को शहर में आतंक मचाने से रोकते हुए डॉक्टर की सेंट्रो में रखा जा रहा है। आवारा कुत्तों के इलाज और नसबंदी के लिए डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ाई गई है।

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महापौर मालती राय ने कहा कि बीते दिनों जिस तरह भोपाल में आवारा कुत्तों का आतंक देखने को मिला और कुत्तों की नसबंदी में लापरवाही सामने आई, उसके बाद एसा कदम उठाना काफी ज्यादा जरूरी हो गया था। भोपाल में पहले सिर्फ 30 से 40 क्षमता वाला 1 ही डॉग रेस्क्यू सेंटर था। जिसे बढ़कर अब 600 की संख्या वाले 3 डॉग रेस्क्यू सेंटर बनाए गए हैं।

बतादें कि, लगातार डॉग बाइट के मामले बढ़ने के बाद भी नगर निगम द्वारा शक्ति नहीं दिखाई जा रही थी, जिसके बाद नगर निगम को कोर्ट से नोटिस भी दिया गया। इसके बाद कड़ी कार्रवाई करते हुए नगर निगम ने आवारा कुत्तों को रखने के लिए सेंटरों की संख्या बढ़ाई और डॉक्टर की भी संख्या बढ़ाई गई।

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