दिल्ली. भ्रष्टाचार के क्षेत्र में भारत की स्थिति में सुधार हुआ है. अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने एक रिपोर्ट जारी की है. जिसके अनुसार भारत में भ्रष्टाचार में कमी आई है. लेकिन अब भी काफी काम बाकी है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ग्लोबल करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2017 के अनुसार 180 देशों की सूची में भ्रष्टाचार के मामले में भारत 81वें पायदान पर है.
प्रत्येक देश को दिए गए हैं अंक
इंडेक्स में प्रत्येक देश को अंक भी प्रदान किए गए हैं. इसमें शून्य अंक को सबसे भ्रष्ट देश के लिए और सौ अंक को भ्रष्टाचार रहित देश के लिए इस्तेमाल किया गया है. भारत को 40 अंक दिए गए हैं. 2016 में भी इतने ही अंक थे. 2015 में भारत को 38 अंक दिए गए थे.
सोमालिया सबसे भ्रष्ट
सोमालिया की रैंक 180 और अंक 9 हैं. 179 रैंक दक्षिणी सूडान व 178 रैंक सीरिया की है.
15 पत्रकारों की हत्याएं हुईं
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, विपक्ष के नेता, प्रशासनिक अफसर और निगरानी संस्थाएं असुरक्षित हैं। इन देशों में उनकी हत्या तक हो जाती है. इस मामले में इस क्षेत्र में फिलीपींस, भारत और मालदीव की स्थिति सबसे खराब है। इन देशों में भ्रष्टाचार के अंक अधिक और प्रेस स्वतंत्रता व पत्रकारों की हत्या भी अधिक है. कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) के मुताबिक पिछले छह साल में इस क्षेत्र में 15 पत्रकारों की हत्याएं हुईं.
न्यूजीलैंड सबसे बेहतर
सूचकांक में न्यूजीलैंड को पहली रैंक दी गई है। उसका अंक 89 है। मतलब 180 देशों में न्यूजीलैंड में भ्रष्टाचार सबसे कम है। दूसरे व तीसरे स्थान पर क्रमश: डेनमार्क (88अंक) और फिनलैंड (85 अंक) हैं. अमेरिका को सूचकांक में 16वीं रैंक दी गई है. उसके अंक 75 हैं. चीन और पाकिस्तान की रैंक क्रमश: 77 और 117 हैं.