पवन दुर्गम, बीजापुर। भैरमगढ़ ब्लॉक के केतुलनार ग्राम पंचायत में वर्ष 2016 में स्वीकृत हुए 64 प्रधानमंत्री आवास में कुछ आवासों का बेतरतीब निर्माण हुआ, तो 12 आवासों का सचिव ने फर्जी जियो टैगिंग कर राशि का आहरण कर लिया. इस मामले में बीते साल 30 दिसंबर को  भैरमगढ़ जनपद पंचायत सीईओ ने सचिव रामबती भोगामी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया, लेकिन आज तक न तो दोषी सचिव पर कोई कार्रवाई हुई, और न ही आवासों का निर्माण शुरू हुआ.

जिले के कुटरू थानाक्षेत्र में केतुलनार ग्राम पंचायत आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं, जहां की 80% आबादी कम पढ़ी-लिखी है. भाजपा शासनकाल में यहां 64 प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति मिली थी, जिसमें प्रत्येक आवास के लिए 1 लाख 30 हजार की राशि और मनरेगा से 15 हजार यानी कुल 1 लाख 45 हजार की राशि स्वीकृत हुई थी. सचिव पति श्रीनिवास झाड़ी ने यही से अपना खेल शुरू कर दिया, और बिना निर्माण के ही निर्माण पूरा होना बता दिया. जो बने भी हैं वे बिना ड्राइंग के बने होने की वजह से अलग-अलग हैं. वहीं आधे-अधूरे मकानों को उनके हाल पर छोड़कर राशि निकाल ली गई.

प्रशासन की रिकॉर्ड में आज 54 प्रधानमंत्री आवास पूर्ण हैं, 12 आवासों का काम चल रहा है, वहीं 7 आवासों की पूरी राशि सचिव डकार चुकी हैं. गड़बड़ी पता चलने पर जनपद पंचायत सीईओ ने सचिव रामबती भोगामी को 30 दिसंबर 2019 को कारण बताओ नोटिस जारी किया. लेकिन आज पर्यंत सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, और न ही सचिव से राशि की वसूली की गई. आज भी आधे-अधूरे निवास सरकारी व्यवस्था को मुंह चिढ़ाते नजर आते हैं.

मकान को देखे बिना ही सिधार गए स्वर्ण

हितग्राही शंकर पोयाम बताते हैं कि वर्ष 2016 में उनके पिताजी मोजो पोयाम के नाम आवास स्वीकृत हुआ था. मकान बनाने के नाम पर उनके पिता को सचिव नैमेड बैंक ले जाकर पूरी राशि निकाल ली, लेकिन काम शुरू नहीं किया. इस बीच आवास निर्माण की मांग करने पर हमें डराने के साथ नक्सल मामले में जेल भेजने की धमकी दी जाती रही. मेरे पिता मकान को देखे बिना ही गुजर गए. शिकायत के बाद मकान का काम शुरू किया गया, लेकिन खिड़की स्तर तक काम करने के बाद अधूरा पड़ा है.

मकान में न दरवाजा लगा, न खिड़की

हितग्राही सुखराम की माने तो उसकी दादी के नाम आवास स्वीकृत हुआ था, जिसके बैंक ले जाकर सचिव ने पूरी राशि निकाली, लेकिन चार साल बाद भी मकान अधूरा पड़ा है. कलेक्टर से शिकायत करने के बाद भी आज तक आवास पूरा नहीं बना है. हितग्राही कारे के नाम भी प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था, मकान बना भी, लेकिन मगर सभी मापदंडों से जुदा. आवास में न दरवाजे लगे, न खिड़की और न ही ढंग की स्लैब.सचिव पति कहता है कि बस आवास बन गया. मुख्य द्वार पर मच्छरदानी और लकड़ी की गेट लगाकर हम सोते हैं.

सचिव ने नोटिस का जवाब नहीं दिया

इस मामले में भैरमगढ़ जनपद पंचायत सीईओ ए के अरकरा ने बताया कि सचिव रामबती भोगामी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन सचिव ने कोई जवाब नही दिया, जिसके संबंध में उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई है. सचिव द्वारा अपूर्ण कार्यो को पूरा करने का आश्वासन दिया जा रहा है. कार्य पूर्ण नहीं करना घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है. जिस पर कार्रवाई की जाएगी.