इंदौर। नोटरी के माध्यम के हो रही शादियां और तलाक को न्यायालय ने गलत माना है. ऐसे मामलों में विधि विभाग से सख्य नियम और गाइड लाइन बनाने का आदेश जारी करते हुए संलिप्त नोटरी का लाइसेंस टर्मिनेट करते हुए आरोपी बनाए जाने की बात कही है. यह आदेश मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने एक मामले की सुनवाई के बाद दिया है.

जानकारी के मुताबिक, जावरा में रहने वाले फरियादी ने नोटरी के आधार पर महिला से शादी की थी. कुछ दिनों बाद वह महिला डेढ़ लाख रुपए लेकर भाग गई, जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मामला इंदौर के हाईकोर्ट के समक्ष जमानत के लिए पेश हुआ, जिसमें पाया गया कि नोटरी के आधार पर लगातार शादियां और तलाक की जा रही है. इसे गंभीरता से लेते हुए जस्टिस विवेक रुसिया ने आदेश दिया कि नोटरी के माध्यम से शादी और तलाक करना वैध नहीं है.

कोर्ट ने इस तरह के मामलों में प्रदेश के विधि विभाग को गाइडलाइन जारी करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही नोटरी को इस संबंध में सख्त हिदायत जारी करने को कहा है. आगे इस तरह के मामले पाए जाते हैं, तो नोटरी का लाइसेंस टर्मिनेट किया जाए. इसके साथ ही मामले में नोटरी करने वाले को भी आरोपी बनाए जाने की बात कही है.