अमरोहा. बेटी के साथ रेप करने वाले आरोपी अब्बू को अपर सत्र न्यायाधीश विशेष (पॉक्सो एक्ट प्रथम) अवधेश कुमार ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने केस दर्ज होने के 14 दिन के अंदर मंगलवार को फैसला सुनाया है. पुलिस ने छह दिन में इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि “ये एक बाप का बहुत ही घिनौना काम है. इसमें ज्यादा लंबी सुनवाई नहीं की जा सकती. कोर्ट ने दोषी पर 53 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

बता दें कि पीड़िता सात महीने की गर्भवती है. जुर्माने की आधी धनराशि पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं. गिरफ्तारी के बाद से ही दोषी पिता जेल में बंद है. प्रदेश का यह सबसे जल्द फैसला बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डिडौली कोतवाली क्षेत्र के एक गांव के रहने वाला 50 वर्षीय व्यक्ति ईट-भट्ठा पर मजदूरी करता था. करीब आठ महीने पहले परिजनों की गैरमौजूदगी में उसने अपनी 14 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म किया. उसने धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देगा. जब बच्ची ने डर से किसी को कुछ नहीं बताया तो आरोपी के हौसले ज्यादा बढ़ गए.

इसके बाद तो जब भी मासूम अकेली मिलती, उसका कलयुगी पिता उसे अपनी हवस का शिकार बना लेता. उसकी हैवानियत तब सामने आई, जब 11 जून को बच्ची की अचानक तबीयत बिगड़ गई. उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. यहां अल्ट्रासाउंड किया गया तो पता चला कि बच्ची सात महीने से गर्भवती है. यह सुनते ही परिजनों के होश उड़ गए. पूछे जाने पर पीड़िता ने रोते हुए आपबीती सुना दी. यह सुनते ही परिजनों के पांव तले की जमीन निकल गई. 14 जून को पीड़िता का भाई उसे लेकर पुलिस के पास पहुंचा और अपने आरोपी पिता के खिलाफ शिकायत दे दी.

पुलिस ने आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. डिडौली कोतवाली के जांच अधिकारी सुक्रमपाल सिंह राणा ने 22 जून को अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया. यह मुकदमा 23 जून को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष (पॉक्सो एक्ट प्रथम) अवधेश कुमार सिंह की अदालत में पहुंचा. पहले ही दिन न्यायालय ने मामले में सुनवाई कर मुकदमे को ट्रायल पर ले लिया. अदालत ने पीड़िता, उसके भाई, मां, महिला चिकित्सक, रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर, एक स्कूल के प्रधानाचार्य, महिला कांस्टेबल ने संबंधित न्यायालय के सामने अपनी गवाही दी. न्यायाधीश ने अभियोजन और आरोपी पक्ष को सुना. अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष लोक अभियोजक बसंत सिंह सैनी ने जोरदार पैरवी की.

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संबंधित न्यायालय ने मंगलवार का दिन फैसला के लिए सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए आरोपी पिता को दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा सुना दी. साथ ही दोषी पिता पर 53 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की आधी धनराशि पीड़िता को सौंपने के आदेश दिए हैं. पिता को सजा बेशक मिल गई, लेकिन किशोरी का जीवन सजा से कम नहीं है. जांच में पता चला कि आरोपी अपनी बेटी के साथ कई महीनों से रेप कर रहा था. उसे सात माह का गर्भ है. पति को सजा मिलने के बाद उसकी पत्नी और बेटी की मां ने कहा, “मुझे खुशी है कि मेरी बेटी का आरोपी अब जेल में रहेगा. मैं उसका चेहरा भी नहीं देखना चाहती.” मां कहती है, मजबूरी है अब अबॉर्शन भी नहीं कर सकते हैं. अब बेटी अपने पिता के बच्चे को जन्म देगी.