धीरज दुबे.कोरबा. फर्जी सर्टिफिकेट पर स्वास्थ विभाग में नौकरी पाने वाली 5 महिला स्वास्थ कार्यकर्ता और एक दलाल को कोर्ट ने 5-5 साल की सजा सुनाई है. गौरतलब है कि वर्ष 2014 में 113 महिला स्वास्थ कार्यकर्ताओं की भर्ती जिला अस्पताल में निकाली गयी थी. भर्ती के दौरान 5 महिला स्वास्थ कार्यकर्ताओं ने रायपुर नर्सिग कालेज के जाली प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी हासिल कर ली थी. जिसकी जानकारी होने के बाद तत्कालीन सीएमएचओ डाॅ. पी.आर.कुंभकार ने मामले की रिपोर्ट कोतवाली थाना में दर्ज कराई थी.

पुलिस ने इस मामले की जांच में फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले अमर दास महंत को भी गिरफ्तार कर मामले का आरोपी बनाया गया था. जिस पर आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सजा सुनाते हुए 5 महिला स्वास्थ कार्यकर्ताओं सहित फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले शख्स पर एक-एक हजार रूपये का जुर्माना के साथ ही 5-5 साल की सजा सुनाई है. न्यायिक मजिस्ट्रेट के इस फैसले के बाद सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया.

जानकारी के मुताबिक सुनीता कश्यप, कुमारी नीलू कौशिक, रजनी कश्यप, प्रभा देवी राठौर, ललिता साहू उर्फ पूजा एवं बिंदू लता राठौर को धारा 420, 471 भादवि के तहत सजा सुनाई गई है. आरोपी अमरदास महंत को धारा 420, 467, 468, 471 भादवि के तहत सजा सुनाई गई है. आपको बता दें कि आरोपियों की सभी मूल सजाएं साथ-साथ चलेगी.मामला 2014 का है. जिसमें आरोपियों के फर्जी डिग्री से नौकरी करने का परिवाद दायर कराया गया था.