जयपुर। मां, आखिर मां होती है. अपने बच्चे को अपने सामने जान गंवाते नहीं देख सकती. यह बात केवल इंसानों में ही नहीं, जानवरों में भी लागू होती है. इसका नजारा राजस्थान के जवाई तेंदुआ संरक्षण क्षेत्र में देखने को मिला.

दरअसल, एक तेंदुए ने बछड़े पर हमला कर उसे नीचे गिराने की कोशिश में लगा ही था कि यह देख दूर खड़ी उसकी मां ने दौड़ लगा दी. गाय को अपनी ओर तेजी से आते देख तेंदुआ बछड़े को छोड़कर जंगल की ओर भाग निकला. इस पूरे नजारे को बाली, पाली सफारी में आए पर्यटनों ने कैद कर लिया.

वीडियो के कैप्शन में, जो हिंदी में है, लिखा है: “जब एक तेंदुआ ने बछड़े की गर्दन पकड़ी, तो माँ उसे बचाने दौड़ी. फिर क्या, खुद ही देख लो. बाली, पाली.” पिछले अपडेट तक, इस वीडियो को सोशल मीडिया पर 1,25,000 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.

तेंदुआ देखे जाने और मेलेनिज़्म की व्याख्या

यह दृश्य भारत में एक और हाई-प्रोफाइल तेंदुआ देखे जाने के कुछ ही हफ़्ते बाद देखा गया है. पिछले महीने भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी परवीन कासवान ने एक काले तेंदुआ का वीडियो पोस्ट किया था, जिसे तमिलनाडु के हरे-भरे नीलगिरी क्षेत्र में दो सामान्य रंग के तेंदुओं के साथ देखा गया था.

कासवान ने बाद में एक पोस्ट में बताया कि काले तेंदुआ कोई अलग प्रजाति नहीं हैं, बल्कि वे तेंदुए (पैंथेरा पार्डस) का एक मेलेनिस्टिक रूप हैं जो अधिकांश अफ्रीका में पाया जाता है. मेलानिज़्म एक जन्मजात स्थिति है जिसमें गहरे रंग के वर्णक का अत्यधिक उत्पादन होता है, जिसके कारण इन जीवों का विशिष्ट काला कोट होता है. इनके तेंदुए जैसे रोसेट, कुछ प्रकाश स्थितियों में भी पहचाने जा सकते हैं, हालाँकि इनका कोट गहरा होता है.