बीजापुर। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी ने बस्तर की जेलों में बंद आदिवासियों की रिहाई की मांग की है। जिसे लेकर सीपीआई के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम के नाम ज्ञापन सौंपा है।

सीपीआई ने कहा है कि कई गंभीर मामलों में छत्तीसगढ़ की जेलों में आदिवासी बंद हैं। आदिवासियों की रिहाई के लिए निर्मला बुच कमेटी गठित की गई थी, जिसे सरकार को रिपोर्ट सौंप अपने सुझाव देने थे। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में आदिवासियों के इस मुद्दे को शामिल किया था। सरकार बनने के बाद जस्टिस पटनायक की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था। दोनों ही कमेटियों ने एकरुपता दिखाते हुए आबकारी मामलों में बंद आदिवासियों को रिहा करने की सिफारिश की थी।

सीपीआई का कहना है कि असल मुद्दा नक्सली मामलों में जो निर्दोष आदिवासी जेल में बंद हैं उन्हें छोड़ना था। लेकिन सरकार बदलने के बावजूद कोई भी बदलाव नहीं हुआ। जिसका खामियाजा बस्तर के आदिवासी भुगत रहे हैं।

सीपीआई नेताओं ने सरकार ने इन आदिवासियों की निशर्त रिहाई की मांग की है और चेतावनी भी दी है कि अगर आने वाले दिनों में उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वे आंदोलन करेंगे।

ज्ञापन देने के दौरान मुख्य रूप से सीपीआई के वरिष्ठ कामरेड कोवा राम हेमला, संजय झाड़ी, गुंडा तेलाम, युवा साथी प्रकाश गोटा,बोज्जा राम गोटा, (उपसरपंच),मुन्ना राम मिच्छा, संनुराम गोटा आदि उपस्थित रहे।