रायपुर। दबंगों की दबंगई आखिर जिंदगी पर भारी पड़ गई. ढाबा संचालक जिंदगी की जंग हार गया. मरने से पहले उसने अपनी व्यथा, पीड़ा और दबंगों की जुल्म को सितम से भरी और गम की स्याही से लिखकर छोड़ गया. ढाबा संचालक की प्रताड़ना से तंग आकर जहर खाने से मौत हो गई, वह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

दरअसल, आरंग में ढाबा संचालक ने जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की थी, जिसने रायपुर के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. वहीं आरंग पुलिस ने शिकायत के आधार पर राजू निषाद, राजेश निषाद और गिरधारी पटेल को गिरफ्तार कर लिया है.

आरंग थाना प्रभारी कमला पुषाम ठाकुर ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ पूर्व में भी आरंग थाना में कई अपराध दर्ज हैं. आरोपी राजू निषाद के विरुद्ध आरंग थाना में 08 अपराध दर्ज है. आरोपी गिरधारी पटेल गुंडा बदमाश हैं, जिसके विरुद्ध आरंग थाना में 15 से ज्यादा अपराध दर्ज हैं. वहीं राजेश निषाद के विरुद्ध 08 अपराध दर्ज है.

थाना प्रभारी ने बताया कि 5 साल से शासकीय जमीन में कब्जे को लेकर आरोपी राजू निषाद और गिरधारी पटेल का बुधराम सोनकर के साथ विवाद था. आरोपियों ने मृतक के मकान के सामने के गेट में ताला लगाकर बंद कर दिया है, जिसे लेकर अक्सर तीनों के बीच में विवाद होता रहता था. पुलिस तीनों आरोपियों के विरुद्ध धारा 341,294,506,34,306 के तहत अपराध दर्ज कर रायपुर न्यायालय में पेश कर दिया है.

5 पन्ने का सुसाइड नोट
सुसाइड नोट में बुधराम ने लिखा था कि मेरे को राजू निषाद और राजेश निषाद ने इतना प्रताड़ित किया कि मैं ये कदम उठाने जा रहा हूं, मुझे माफ करना. मैं मरना नहीं चाहता था, लेकिन मजबूरी में कदम उठा रहा हूं. राजेश निषाद और राजू निषाद अपने भैया-भाभी का धौंस दिखाकर प्रताड़ित किए हैं.

‘थाना प्रभारी ने बिना जांच के दर्ज की FIR’

सुसाइड नोट में बुधराम ने लिखा था कि राजेश निषाद कहता है कि भैया-भाभी पार्षद हैं. कांग्रेस राज है कुछ नहीं कर सकते. इसके साथ ही उसने नोट में लिखा कि थाना प्रभारी कमला पुषाम ठाकुर न जांच की, न मुआयना की, ऐसे की FIR दर्ज कर दी, जिसमें मुझे मारपीट समेत कई केस में फंसाने की कोशिश की गई. इसके अलावा बुधराम ने लिखा कि गिरधारी और राजेश मुझे रास्ते में रोककर धमकी देते थे, तुझे अंदर करा देंगे, जान से मार देंगे.

इस मामले में जब LALLURAM.COM की टीम ने बुधराम के भाई दीनानाथ सोनकर से बातचीत की थी, तो उन्होंने कहा था कि मुझे फोन कर भाई ने जानकारी दी थी कि वो जहर खा लिया है, उसे झूठे केस में फंसाया गया है, पुलिस भी कुछ नहीं सुन रही है. इसके बाद भाई को ढूंढकर अस्पताल ले गए.

पढ़िए सुसाइड नोट-

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