बलरामपुर। कहते हैं प्यार अमर है, लेकिन उसको अमर होने से पहले ही कब्र में दफन कर दिया जाए, तो उस प्रेम कहानी की अंत हथकड़ी ही होती है. एक ऐसी ही प्रेम कहानी बेरहम नक्सली की है, जिसने पहले प्रेम विवाह किया. इसके बाद गर्भवती पत्नी को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दी. पुलिस मामले की तफ्तीश तेज की, जिसके बाद कातिलों के हाथ में हथकड़ी लगी. इस वारदात में 6 गुनहगारों को सलाखों के पीछे भेजा गया है, जो जेल में चक्की पीस रहे हैं.

दरअसल, कांकेर में एक नक्सली ने पहले प्रेम विवाह किया, इसके बाद 2 साल तक साथ भी रहा, लेकिन जब बहनों की शादी नहीं होने लगी तो बेरहमी से गर्भवती पत्नी की हत्या कर दी. आरोपी के परिजनों और एक झोलाछाप डॉक्टर ने भी उसका पूरा साथ दिया. अब इस अंधे कत्ल की गुत्थी को झारखंड और बलरामपुर पुलिस ने मिलकर सुलझा लिया है.

पुलिस के मुताबिक 15 जून को सनावल पुलिस को कनहर नदी में एक महिला की तैरती हुई लाश मिली थी, जो पूरी तरह से सड़ चुकी थी. इस मामले में प्रथम दृष्टया ही हत्या का मामला प्रतीत हो रहा था. पुलिस ने इसमें मामला कायम कर विवेचना शुरू की. झारखंड से सटे हुए एरिया में जब पतासाजी शुरू की तो पता चला कि ये सोनी देवी की लाश है, जिसकी चिनिया गांव के बबन यादव से प्रेम विवाह हुआ था.

पुलिस ने बताया कि आरोपी बबन यादव नक्सल गतिविधियों में शामिल था और अभी भी उसी ग्रुप में है. मृतिका पहाड़ी कोरवा जनजाति की थी. यही बात आरोपी के परिवार वालों को पसंद नहीं थी. नक्सली बबन यादव की बहन और अन्य परिजनों को कोई भी शादी का रिश्ता नहीं आ रहा था. इसी से परेशान होकर परिवार वालों के दबाव में आरोपी ने अपनी पत्नी की हत्या की योजना बनाई.

नक्सली बबन यादव ने एक झोलाछाप डॉक्टर से 4 माह के अपने पत्नी के गर्भ को गिराने की दवा ली, लेकिन डॉक्टर ने जिस तरह उसे खाने की बात बताई थी. आरोपी ने वैसा नहीं करके सारी दवाई एक साथ खिला दी. दवाई खाने के बाद पत्नी बेचैन होने लगी. उसका फायदा उठाकर आरोपी ने उसका गला दबाकर हत्या कर दी. घरवालों को जाकर पूरी बात बता दी. इस हत्या के बाद आरोपी के परिवार वालों ने योजनाबद्ध तरीके से रात में लाश को पत्थर से बांधकर कनहर नदी के खाई में फेंक दिया.

मामले की जानकारी सनावल पुलिस को लगी. इस मामले में विवेचना शुरू की गई. धीरे-धीरे पूरी सच्चाई सबके सामने आई. आरोपी नक्सली ने अपनी गर्भवती पत्नी की हत्या करने के बाद डेढ़ साल के बच्चे को बेचने की योजना बना ली थी. एक झोलाछाप डॉक्टर से उसका 50 हजार में सौदा भी कर लिया था. बच्चे को उसके पास ले जाकर छोड़ दिया था, लेकिन मीडिया में जैसे ही खबरें आने लगी की बच्चे की मां की मौत हो गई है. तब डॉक्टर ने बच्चे को लेने से इंकार कर दिया.

इस दौरान आरोपी ने उस बच्चे को एक घर में ले जाकर छोड़ दिया. यह कह कर कि यह अनाथ है. मामले में पुलिस ने एक-एक कर सारे घटनाक्रम से पर्दा उठा लिया. इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें आरोपी का दोस्त प्रेमशंकर, चचेरा भाई नीतीश यादव, सगा भाई चंदन यादव, उसका पिता मुंशी यादव और झोलाछाप डॉक्टर विनोद प्रसाद गुप्ता शामिल है.

झारखंड में हुए हत्याकांड में पुलिस ने एक सड़ी हुई लाश को न्याय दिलाने के उद्देश्य से मामले की विवेचना शुरू की थी. धीरे-धीरे पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए ना सिर्फ उस बेकसूर के हत्यारों को गिरफ्तार किया, बल्कि अब वह सलाखों के पीछे भी चले गए हैं.

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