प्रयागराज. इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. 11 साल की एक बच्ची को गंभीर चोटों के साथ शहर के छावनी बोर्ड अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों को न केवल उसके शरीर पर यातना के निशान मिले, बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट से लकड़ी के टुकड़े भी मिले.

बच्ची को अस्पताल लाने वाली महिला का दावा है कि उसने नाबालिग को गोद लिया था. हालांकि, लड़की की चोटों के बारे में पूछे गए सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. आरोपी महिला ने डॉक्टर सिद्धार्थ पांडे को फोन किया और बताया कि 11 साल की बच्ची को भाई-बहन के झगड़े में मामूली चोटें आई हैं.

अगली सुबह, वह लड़की के साथ अस्पताल गई और चोटों की प्रकृति को जानकर डॉक्टर हैरान रह गए. डॉ. पांडे ने कहा, एक्स-रे में उसके शरीर पर कई पुरानी और नई चोटें सामने आईं, जिसमें उसके निजी अंग भी शामिल थे. इसके बाद, एक महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा उसकी जांच की गई, जिसमें उसके निजी अंगों में लकड़ी के टुकड़े पाए गए. लड़की के हाथ में फ्रैक्चर भी थे. चोटों को देखते हुए हमने पुलिस को सूचित किया.

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आरोपी महिला शहर के धूमनगंज इलाके के एक अपार्टमेंट की रहने वाली है और उसका पति एक नामी स्कूल में शिक्षक है. महिला ने दावा किया कि उसने कानपुर के एक आश्रय गृह से लड़की को गोद लिया था, लेकिन लड़की ने कहा है कि उसकी मां की मृत्यु और उसके पिता द्वारा परित्याग के बाद आरोपी उसे घर ले गई थी.

बच्ची ने यह भी खुलासा किया कि उसे नियमित रूप से भूखा रखा जाता था और एक महीने में 14 दिनों से अधिक समय तक भोजन नहीं दिया जाता था. धूमनगंज थाने के एसएचओ राजेश मौर्य ने कहा कि आरोपी महिला को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है. उन्होंने कहा, पूछताछ के निष्कर्षों के आधार पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे.

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