रायपुर। किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे है। सरकार किसानों को परंपरागत फसलों के स्थान पर व्यापारिक फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसी क्रम में सरकार की ओर से अंजीर की खेती को महत्व दिया जा रहा है। सरकार का मानना है कि किसान परंपरागत फसलों की खेती से ज्यादा व्यापारिक फसलों की खेती से अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। अंजीर की खेती के लिए जुलाई से अगस्त का महीना अच्छा माना जाता है।

इस अंजीर का रोपण करने से इसमें सिंचाई की कम जरूरत पड़ती है। अंजीर के पौधे का रोपण करने से पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार कर लें। अंजीर की खेती के लिए किसानों को अंजीर की फसल लागत पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है। यह सब्सिडी केंद्र सरकार की ओर से संचालित राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत दी जाएगी। कई राज्य सरकारें अपने राज्य के भूमि, जलवायु व मौसम के आधार पर किसानों को फल, सब्जी की खेती करने के लिए 50 प्रतिशत या इससे भी अधिक सब्सिडी देती हैं।

इसी कड़ी में यूपी सरकार की ओर से किसानों को ड्राई फ्रूटस् की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार प्रदेश में पड़ी बंजर भूमि पर अंजीर की खेती करने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान करती है। अंजीर की खेती पर मिलने वाली सब्सिडी से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के उद्यानिकी विभाग से संपर्क कर सकते हैं। बता दें कि बंजर भूमि पर भी अंजीर की खेती की जा सकती है। हालांकि अंजीर की खेती अच्छे जल निकास वाली सब तरह की भूमि में की जा सकती है।

अंजीर की खेती से किसान काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक एक हैक्टेयर में अंजीर के 250 पौधे लगाए जा सकते हैं और अंजीर के एक पेड़ से करीब 20 किलोग्राम अंजीर फल प्राप्त होता है। क्वालिटी के हिसाब से बाजार में इसका रेट 500 से 800 रुपए किलोग्राम तक है। इस हिसाब से किसान अंजीर की एक हैक्टेयर में खेती करके 25 से 30 लाख रुपए की कमाई आसानी से कर सकते हैं।