आकिब खान, दमोह। बुंदेलखंड अंचल में तमाम दावों के बाद भी दलितों की स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है। इस अंचल से हर दिन दलित अत्याचार की खबरे सामने आ रही है और शासन-प्रशासन सिर्फ दावे करते दिखाई दे रहे है। इसी बीच प्रदेश के दमोह से बड़ी खबर है। जहां एक दलित परिवार ने जान का खतरा बताते हुए एसपी से मदद की गुहार लगाई है। इस परिवार का कसूर सिर्फ इतना है कि चार साल पहले अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अब हमला करने वाले लोग उस पर राजीनामा का दबाव बना रहे हैं।

ये है पूरा मामला

दरअसल, साल 2020 में जिले के बटियागढ़ पुलिस थाने के तहत आने वाले केरबना गांव निवासी कमल अहिरवाल पर हटा के चर्चित चौरसिया परिवार के लोगों ने जानलेवा हमला किया था। पीड़ित कमल ने इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई थी और पुलिस ने धारा 307 के साथ अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। आरोपियों ने इस मुकदमे को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की और इसे फर्जी मुकदमा करार देते हुए FIR निरस्त करने की मांग की, तब से मामला होल्ड पर था और आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी, लेकिन पिछले दिनों हाईकोर्ट ने इस याचिका पर फैसला देते हुए आरोपियों की दलील को खारिज कर दिया और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस को कहा है।

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HC से राहत नहीं मिलने पर राजीनामा का दबाव, 5 लाख का दिया ऑफर

उच्च न्यायालय से राहत न मिलने की वजह से अब चौरसिया परिवार के आरोपियों के सामने गिरफ्तारी और जमानत के अलावा कोई रास्ता नहीं है। इन सबके बीच अब आरोप है कि ये लोग पीड़ित परिवार पर दबाव बना रहे हैं। दलित परिवार के मुताबिक उनके घर देर रात इस आरोपी परिवार के लोग आए और राजीनामा का दबाव बनाने लगे, उन्होंने पांच लाख रुपये का ऑफर भी दिया। पीड़ित कमल के मुताबिक, उन्हें राजीनामा न करने की स्थिति में जान से मारने की धमकी भी दी गई, जिसकी शिकायत लेकर वह एसपी के पास गए।

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आरोपों के घेरे में आ रहा परिवार है चर्चित

आपको बता दें कि इस मामले में आरोपों के घेरे में आ रहा चौरसिया परिवार वही परिवार है, जिसके सदस्य कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या हुई थी। इस हत्याकांड में पिछले दिनों 25 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है और सजा के दायरे में आने वाले लोगों में बसपा की चर्चित नेत्री और पूर्व विधायक रामबाई सिंह के पति देवर भाई और भतीजे शामिल है। इलाके में ये चौरसिया परिवार चर्चित परिवार है और यही वजह है कि दलित परिवार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। फिलहाल एसपी ने दलित परिवार की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसडीओपी हटा को जांच के आदेश दिए है।

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