नोएडा. ऊपर दिखाई दे रहे चित्र को देखकर चौंकिये मत! यह शव यात्रा ही निकाली जा रही है. लेकिन इस शव यात्रा में लोग रोने की जगह गाजे-बाजे के साथ नाचते-गाते जा रहे हैं और जो लड़कियां शव के सामने दिखाई दे रही हैं. वह मृतक की चार बेटियां हैं. जो अपने पिता की शव यात्रा को इतने धूमधाम के साथ निकाल रही हैं.
मामला नोएडा के सेक्टर-40 का है, जहां 65 वर्षीय हरिभाई लालवानी का निधन 9 नवंबर को हो गया. निधन के बाद लालवानी की 4 बेटियों ने बड़े ही धूमधाम के साथ अपने पिता की शव यात्रा निकाली. जिस गाड़ी में लालवानी का शव ले जाया जाना था, उसे फूलों से सजाया गया. बैंड-बाजे वालों को भी बुलाया गया. बाद में बैंड की धुन पर नाचते-गाते शव यात्रा निकाली गई, जो कि सेक्टर 40 स्थित घर से शुरू होकर सेक्टर 94 तक गई. जहां लालवानी का अंतिम संस्कार किया गया.
लेकिन इस बीच जो भी लोग इस शव यात्रा को देख रहे थे वे देखते ही रह गये. उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि ये बेटियां अपने पिता की मौत का गम मना रही है या फिर उनके दुनिया से जाने की खुशी.
इस बारे में मृतक की बड़ी बेटी अनिता का कहना है कि उसके पिता की ये अंतिम इच्छा थी. वह चाहते थे कि उनकी अंतिम यात्रा को उत्सव के रूप में मनाया जाए. अपने पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए ही उनकी अंतिम यात्रा उत्साह के साथ निकाली गई और उनकी इच्छा पूर्ति के लिए ही इस तरह से नाचते-गाते उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है. इस दौरान बेटियों ने अपने पिता के शव को कंधा दिया और एक बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी.
आपको बात दें कि हरिभाई लालवानी पान सेल्स वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं ‘गुटखा किंग’ के नाम से मशहूर थे. जिनका निधन ब्रेन स्ट्रोक से हो गया था. हरिभाई मूलरूप से दिल्ली के रहने वाले थे. 1989 में वो दिल्ली के शालीमार बाग से नोएडा रहने आए थे. साल 1994 में उन्हें नोएडा की सबसे पुराने औद्योगिक संगठन नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के लिए चुना गया था.