दावोस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के उद्धाटन समारोह को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत हिंदी में की. पीएम मोदी ने कहा कि WEF की 48वीं बैठक में शामिल होकर उन्हें बेहद खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि 1997 में पहली बार तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा दावोस पहुंचे थे, तब से लेकर आज तक भारत ने तरक्की की तमाम सीढ़ियां चढ़ ली हैं. उन्होंने कहा कि तब से लेकर आज तक भारत की जीडीपी 6 गुणा ज्यादा बढ़ चुकी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1997 में इस मंच का स्लोगन था- बिल्डिंग दि नेटवर्क सोसाइटी. जबकि आज हम सिर्फ नेटवर्क सोसाइटी ही नहीं, बल्कि बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में जी रहे हैं.
सुनहरे भविष्य में सबका स्वागत है- मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुनहरे भविष्य में सबका स्वागत है. उन्होंने न्यू इंडिया के बाद न्यू वर्ल्ड का नारा दिया. उन्होंने कहा कि गरीबी, बेरोजगारी और अलगाववाद को दूर करना होगा, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत मानवता और शांति के लिए खड़ा है. हर आपदा में भारत सहयोग के लिए खड़ा है. पीएम ने कहा कि देश में व्यवसाय के अनंत रास्ते खुलेंगे. भारत की रेटिंग में हुए सुधार से सभी परिचित हैं.
आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती
मोदी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का सही तरीके से पालन होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि विश्व की आर्थिक प्रगति जरूरी है. पीएम ने कहा कि आज बहुत बड़ी चुनौती ये है कि देश आत्मकेंद्रित हो रहे हैं. देशों का आत्मकेंद्रित होना दुनिया के लिए खतरनाक है.
पीएम ने आतंकवाद को दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बताया. साथ ही कहा कि अच्छा और बुरा आतंकवाद कुछ नहीं होता और ऐसा सोचना खतरनाक है. उन्होंने कहा कि दुनिया को एक साथ आतंकवाद की चुनौती से लड़ना होगा.
बता दें कि गर्मजोशी से स्वागत के लिए पीएम मोदी ने स्विट्जरलैंड का सरकार का धन्यवाद दिया. पीएम मोदी ने कहा कि 1997 की स्थिति आज से अलग थी. उस समय ना तो कोई लादेन को जानता था, ना ही हैरी पॉटर को. उस समय ना तो गूगल का अवतार हुआ था ना ही एमेजॉन पोर्टल सामने आया था.
पीएम मोदी ने कहा कि गरीबी, बरोजगारी और प्राकृतिक संसाधनों के नियंत्रण की समस्या से पूरी दुनिया परेशान है. हमें सोचना है कि क्या हमारी अर्थव्यवस्था समाज में दरारों को तरजीह तो नहीं दे रही है.
जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती- मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन को बड़ी चुनौती बताया और कहा कि इससे निपटने के लिए प्रयासों की काफी कमी है.