उत्तर प्रदेश के बागपत के छपरौली थाने के एक कमरे में हेड कॉन्स्टेबल का शव पंखे से लटकता मिला। सुबह एक पुलिसकर्मी ने जब उसका शव देखा तो अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। एसपी अर्पित विजयवर्गीय भी मौके पर पहुंचे। परिजनों को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। हेड कॉन्स्टेबल अमर राणा गुरुवार शाम ही VIP ड्यूटी से लौटा था।

‘मेरा भाई कभी भी अपनी जान नहीं दे सकता’

35 वर्षीय हेड कॉन्स्टेबल अमर राणा मूल रूप से सहारनपुर का रहने वाला था। छपरौली थाने पहुंचकर परिजन हंगामा करने लगे। अमर की बड़ी बहन काजल ने कहा, मेरे भाई की हत्या हुई है। वह अपनी जान नहीं दे सकता है। इन लोगों ने हमारे आने से पहले ही शव को नीचे उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। जबकि परिजनों के आने के बाद ही शव को कहीं भेजने का नियम है।

‘नौकरी करते-करते ही उसकी जान चली गई’

बहन ने कहा, अमर राणा ही हमारे घर का सहारा था। अब हम लोग क्या करेंगे। मेरे भाई ने बहुत मन से पुलिस की नौकरी ज्वाइन की थी। आज नौकरी करते-करते ही उसकी जान चली गई। अमर की मौत से परिवार के लोग सदमे में हैं।

2006 में पुलिस में हुआ था भर्ती

हेड कॉन्स्टेबल अमर राणा 2006 में यूपी पुलिस में भर्ती हुआ था। वह मूल रूप से चौगामा क्षेत्र के भड़ल गांव का रहने वाला था। उसके पिता विनोद राणा भी यूपी पुलिस में दरोगा थे। उनकी ज्यादातर तैनाती सहारनपुर क्षेत्र में होने के कारण वो परिवार के साथ कई साल पहले गांव से सहारनपुर चले गए थे। जबकि नौकरी मिलने के बाद अमर बागपत में रह रहा था।

परिवारों के आरोप के आधार पर जांच की जाएगी

मामले में सीओ सविरत्न गौतम ने बताया, अभी तक हेड कॉन्स्टेबल के आत्महत्या करने के कारण का पता नहीं चल पाया है। हर एंगल से मामले की जांच की जा रही है। परिवार के आरोप के आधार पर भी मामले की जांच की जा रही है।

शामली में ड्यूटी कर वापस आए थे अमर

बड़ौत सीओ सविरत्न गौतम ने बताया कि हेड कांस्टेबल अमर राणा नगर पंचायत चुनाव में वीआईपी ड्यूटी में लगे हुए थे। वो 1 मई से शामली में थे। वहां से डयूटी कर 4 मई को छपरौली थाने पर लौटे थे।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus