अमित शर्मा, श्योपुर। जिले में दो अलग-अलग जगहों पर 2 तेंदुआ के शव मिलने से वन अमले में हड़कंप मच गया है। चंबल नदी (Chambal river) में ऊंचाखेड़ा गांव के पास तेंदुआ का तैरता ( Leopard dead body found floating in Chambal river) हुआ शव मिला। दूसरा मामला विजयपुर इलाके के बुढ़ेरा गांव का है जहां जंगलों में पत्थरों के ढेर के पास एक तेंदुए का शव मिला है। वन विभाग की टीमें दोनों मृत तेंदुआ ओं के शवों का पीएम करवा कर मामले की जांच करने में जुट गया है। दोनों तेंदुओं की मौत किस वजह से हुई है वन विभाग के अधिकारी यह स्पष्ट नहीं कर पा रहा है। हालांकि जिस तरह से तेंदुआ ओं के शरीर पर चोटों के निशान हैं उसे देखकर यह बात स्पष्ट हो रही है कि, शिकारियों ने उनकी जान ली है।
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चंबल नदी में मिला तेंदुआ राजस्थान की सवाईमाधोपुर जिले में स्थित रणथंभोर सेंचुरी (Ranthambore Century) का बताया जा रहा है। लेकिन इसकी मौत कैसे हुई। इसका भी पता नहीं है। जिले के वन विभाग के अफसरों ने तेंदुए के मौत के कारणों की जांच शुरू कर दी है। तेंदुए का शव 3-4 दिन पुराना है। पीएम करवाने के बाद वन विभाग (Forest department) ने अंतिम संस्कार करवा दिया है।
दरअसल रविवार को ऊंचाखेडा गांव के पास तेंदुआ मृत अवस्था में ग्रामीणों ने देखा। इसकी सूचना वन विभाग के अफसरों को दी। यह क्षेत्र सामान्य वन मंडल की श्योपुर रेंज के अन्तर्गत आता है। इसलिए सामान्य वन मंडल की श्योपुर के रेंज अफसर अपनी टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंच गए। जो तेंदूए के शव को मौका मुआयना करने के बाद पीएम के लिए जिला मुख्यालय पर ले आए।
रेंज आफिसर श्योपुर अजय बाजपेयी ने बताया कि यह तेंदुआ श्योपुर जिले का न होकर राजस्थान की रणथंभोर सेंचुरी का लग रहा है। इसकी मौत शिकार के कारण नहीं,बल्कि अन्य कारणों से होने की स्थितियां लग रही है। जिसकी जांच की जा रही है। अफसरों को मुताबिक तेंदुए का शव 3-4 दिन पुराना है। फिलहाल पीएम करवाने के बाद वन विभाग ने अंतिम संस्कार करवा दिया है।
इधऱ विजयपुर इलाके के बुढ़ेरा गांव का है जहां जंगलों में पत्थरों के ढेर के पास एक तेंदुए का शव मिला है, मृतक तेंदुए के शरीर पर चोटों के कई निशान भी हैं जिन्हें देखकर उसके शिकार की आशंका जताई जा रही है। एक साथ दो अलग-अलग जगहों पर तेंदुआ ओं के सब मिलने के बाद कूनो वन मंडल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं क्योंकि तेंदुआ सहित अन्य वन्यजीवों की रक्षा की जिम्मेदारी वन अमले की ही है।
दोनों ही मामलों में अपराध दर्ज कर दोनों तेंदुए के शवों का पोस्टमार्टम करा दिया गया है। पीएम रिपोर्ट में स्पष्ट हो करके आएगा उसके बाद ही पता चलेगा कि शिकारियों के द्वारा तेंदुए की हत्या की गई है या फिर यूं ही किसी कारणवश मौत हो गई।
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