दिनेश शर्मा, सागर। मध्यप्रदेश के सागर जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक ‘मृत’ व्यक्ति ने पंचायत चुनाव में जीत दर्ज की है। अपनी ही मौत से ‘सहानुभूति’ के कारण पंचायत चुनाव में उसने चुनाव जीता। मामला जिले के देवरी ब्लॉक की कंजेरा पंचायत का है। मतदान से 10 दिन पहले सरपंच प्रत्याशी की मौत हो गई थी। लेकिन मतपत्र से नाम नहीं हटाया गया।

देवरी ब्लॉक की कंजेरा पंचायत में सरपंच पद के प्रत्याशी रविन्द्र सिंह उम्र 53 साल की 22 जून को हृदय गति रुक जाने से मौत हो गई थी। लेकिन मतपत्र से उनका नाम नहीं हटाया गया। एक जुलाई को पंचायत चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग हुई, तो ग्रामीणों ने उन्हें 255 वोट से जिता दिया। निर्वाचन अधिकारी अब इस मामले में आगे निर्णय नहीं ले पा रहे हैं, इसलिए राज्य निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन मांगा गया है।

सरपंच पद के लिए 3 प्रत्याशी मैदान में थे

निर्वाचन अधिकारियों को प्रत्याशी के निधन की कोई सूचना नहीं दी गई। इसलिए मतपत्र से उनका नाम नहीं हटाया गया। रविन्द्र के अलावा दो अन्य उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में थे। एक जुलाई को मतदान हुआ तो ग्रामीणों ने सहानुभूति के तौर पर रविंद्र सिंह के पक्ष में मतदान किया। स्व. रविंद्र ठाकुर वोट 512 मिले। वहीं चंद्रभान अहिरवार को 257 और विनोद सिंह को 153 मत मिले। स्व. रविन्द्र सिंह ने 255 वोट से चुनाव जीत लिया। रविन्द्र ‘सिंह इसके पहले भी इसी पंचायत से सरपंच रह चुके थे। उनकी भाभी सिमलेश सुरेंद्र सिंह जनपद अध्यक्ष और उनके बड़े भाई सुरेंद्र सिंह जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष रह चुके हैं।

देवरी रिटर्निंग संजय दुबे का कहना है कि ऑफिसर अभी चुनाव परिणाम की रिटर्निंग ऑफिसर ने विधिवत घोषणा नहीं की है। आयोग से जो निर्देश मिलेंगे, आगे उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। प्रत्याशी के निधन की स्थिति में परिजन को 72 घंटे पहले सूचना देनी होती है, लेकिन परिजन ने सूचना नहीं दी। 72 घंटे पहले सूचना मिलती तो दूसरे मतपत्र प्रिंट हो जाते।

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