सुदीप उपाध्याय. बलरामपुर जिले में लगातार राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पंडो जनजाति के लोगों के मौत के आंकड़े थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.

  बीती शाम लगभग 7:00 बजे 108 वाहन की मदद से सनावल से रेफर लेकर रामानुजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक 4 वर्षीय पंडो जनजाति बालिका को ईलाज हेतु लाया जा रहा था. लेकिन रास्ते में काफी मात्रा में रेत से लदे लगभग 200 ट्रकों की लाइन लगी थी. जिसमें 108 वाहन फंस गई. इस दौरान 4 वर्षीय मासूम विशेष जनजाति बालिका की मौत हो गई. इस संबंध में 108 वाहन में तैनात स्टॉप राजेश कुशवाहा ने बताया कि उक्त बालिका की स्थिति काफी क्रिटिकल थी. उसे सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी, लेकिन रास्ते में रेत से लदे सैकड़ों ट्रकों की लाइन लगी थी, जिसके कारण हॉस्पिटल तक पहुंचने में काफी देर हो गई और हॉस्पिटल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

ऐसी घटनाओ का इंताजर कर रहा है जिला प्रशासन ?

आपको बता दें कि बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत शिवपुर में ठीक सड़क किनारे खनिज विभाग के द्वारा रेत भंडारण का लीज दिया गया है और शासन प्रशासन की उदासीनता के कारण एनजीटी के नियमों को ताक पर रखते हुए ठेकेदार के द्वारा सीधे नदी से खनन करते हुए प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में रेत तस्करी का कार्य धड़ल्ले से कर रही है.  यही कारण है कि यहां प्रतिदिन काफी मात्रा में ट्रकों की लाइन लगी रहती है यात्री बसों समेत एंबुलेंस जैसे वाहनों को भी जगह नहीं दी जाती है जिसका खामियाजा आज पंडो जनजाति की मासूम बालिका को जान देकर चुकानी पड़ी. जिला प्रशासन इस ओर थोड़ा भी ध्यान नहीं दे रहा है बल्कि ऐसे अवैध कार्यों को मूक समर्थन प्रदान कर रही है.

इस संबंध में बलरामपुर जिले के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बसंत सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत गाजर में एक 4 वर्षीय बालक की विगत 15 सितंबर से तबीयत खराब थी और 108 की मदद से उसे ईलाज के लिए रामानुजगंज अस्पताल लाया जा रहा था और रास्ते में ही उसकी मौत हो गई पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही बताया जा सकता है कि उसकी मौत किस हालत में हुई है.