नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाले घोड़ो की जान पर खतरा मंडरा रहा है. वजह है दिल्ली के कुछ घोड़ो में फैली एक संक्रामक बीमारी. इस बीमारी का एक ही हल है उस घोड़े की मौत. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो इस बीमारी के घोड़ों के मार्फत इंसानों में फैलने का खतरा पैदा हो जाता है. यही वजह है कि दिल्ली की परेड में शामिल होने वाले घोड़ो पर खतरा मंडरा रहा है.

घोड़ों को होने वाली इस बीमारी का नाम है ग्लैंडर्स. दिल्ली के घोड़ों में यह बीमारी पाई गई है. दिल्ली में अब तक इस बीमारी के लक्षण 10 घोड़ों में दिखे जिसके बाद इनके खून को जांच के लिए भेजा गया. उसमें से 7 घोड़ों में यह बीमारी पाई गई. जिसके बाद इन सातों घोड़ो को मार दिया गया.

इसके बाद से ही दिल्ली में अलर्ट जारी कर दिया गया है. वहां मौजूद सभी घोड़ों की जांच कराई जा रही है. ​यदि इस जांच में घोड़ों में ग्लैंडर्स ​बीमारी पाई जाती है तो उस घोड़े को मार दिया जायेगा. क्योकि इन घोड़ों को मारने के अलावा कोई चारा नहीं है.

घोड़ो की जांच के दिये निर्देश:
दिल्ली सरकार की विकास आयुक्त मनीषा सक्सेना के मुताबिक पश्चिमी दिल्ली में घोड़ों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है और अन्य जगहों पर घोड़ों के सैंपल की जांच के निर्देश दिए हैं. फिलहाल 700 सैंपल भेजे जा चुके हैं. दिल्ली में तीन हजार घोड़े हैं. इनमें से लगभग आधे घोड़े सेना और पुलिस के पास हैं.

पुलिस और सेना के घोड़ों की जांच:
सुरक्षा अधिकारियों की मानें तो घोड़ों की जांच रेगुलर बेसिस पर कराते रहते हैं. उनके घोड़ों में इन्फेक्शन का खतरा बहुत कम है. बावजूद इसके आर्मी और पुलिस वाले भी अपने घोड़ों के सैंपल की जांच करा रहे हैं. तीन से चार दिन के बाद सैंपल के रिजल्ट आने लगेंगे और उसके बाद यह पता चल जायेगा कि कौन सा निगेटिव है और कौन सा पॉजिटिव. रिपोर्ट के पॉजिटिव पाए जाने पर उस घोड़े को तुरंत हटा लिया जाएगा.

गणतंत्र दिवस परेड पर असर नही:
अब त​क कराये गये घोड़ों की जांच में पुलिस और सेना के किसी भी घोड़े में इस बीमारी का होना नहीं पाया गया है. जिसके चलते संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस बीमारी के चलते दिल्ली में गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाली परेड पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

ग्लैंडर्स क्या है?
ग्लैंडर्स पशुओं और इंसानों को प्रभावित करने वाला संक्रामक रोग है. इस बीमारी के बैक्टेरिया सेल में प्रवेश कर जाते हैं. इलाज के दौरान ये पूरी तरह से मरते नहीं हैं. ऐसे में दूसरे जानवरों और उसकी देखरेख करने वालों को भी संक्रमित कर देते हैं और उसके संपर्क में आने पर दूसरे मनुष्य भी संक्रमित हो जाते हैं.

ऑक्सीजन से फैलती है बीमारी:
मैलियोमाइसीजमैलाई नाम के जीवाणु द्वारा होने वाला संक्रामक रोग बरखेलडेरिया मैलाई चौपाये जंतुओं में होने वाला एक भीषण रोग है. घोड़ों में यह बहुत तेजी से फैलता है और गांठों-ग्रंथियों को प्रभावित करने के कारण इसे ग्लैंडर बरखेलडेरिया मैलाई कहा जाता है. इसके जीवाणु का वाहक ऑक्सीजन है. यह सांस के जरिए जानवर को संक्रमित करता है. शरीर की गांठों में संक्रमण होने पर घोड़ा उठ नहीं पाता है और बाद में उसकी मृत्यु हो जाती है.