नई दिल्ली. देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अब केन्द्र सरकार ने एक और कदम उठाया है. इस बार सरकार की नजर देश के उन भ्रष्ट आईएएस आधिकारियों पर है, जो भ्रष्टाचार कर करोड़ो अरबों की संपत्ति बना लेते है. जिसका पता इन अधिकारियों के जहां डाले गये छापो के बाद पता चलाता है.

ऐसे ही भ्रष्ट आईएएस अधिकारियों पर नकले कसने के लिए केन्द्र सरकार ने एक फरमान जारी किया है. जिसमें देश के सभी आईएएस आधिकारियों को आगामी 31 जनवरी 2018 तक अपनी अचल संपत्ति रिटर्न (IPR) जमा करने को कहा गया है.

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के सभी अधिकारियों से अगले महीने तक अपनी संपत्तियों का ब्योरा देने को कहा गया है और यह चेतावनी भी दी गयी है कि ऐसा नहीं होने पर उनकी पदोन्नतियों और विदेशी पदस्थापनाओं के लिए जरूरी सतर्कता मंजूरी नहीं दी जाएगी. केंद्र सरकार के सभी विभागों, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने पत्र लिखकर उनसे आईएएस अधिकारियों द्वारा 31 जनवरी, 2018 तक अचल संपत्ति रिटर्न (IPR) जमा कराने को कहा है.

गौरतलब है कि संस्थापन (इस्टेब्लिशमेंट) अधिकारी और अतिरिक्त सचिव पी के त्रिपाठी ने हाल ही में एक संदेश में कहा था कि डीओपीटी के चार अप्रैल, 2011 के निर्देशों के अनुरूप यह दोहराया जाता है कि आईपीआर समय पर जमा नहीं होने पर सतर्कता मंजूरी नहीं दी जाएगी. 2011 के निर्देशों के अनुसार जिन अधिकारियों ने एक जनवरी, 2018 तक समय पर अपने आईपीआर जमा नहीं किये उन्हें सतर्कता मंजूरी नहीं दी जाएगी और भारत सरकार में वरिष्ठ स्तर के पदों के लिए पदोन्नति के लिहाज से उनके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा.