नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के उस बयान पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में कोयले का कोई संकट नहीं है. दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज बिजली के संकट को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी) से दिल्ली को लगभग 4000 मेगावाट बिजली मिलती थी, लेकिन आज की तारीख में उससे आधी बिजली भी नहीं मिल पा रही है. यह चिंता की बात है. पूरे देश में बिजली का संकट है. उन्होंने कहा कि अगर बिजली का संकट नहीं है, तो पूरे देश में बिजली कटौती क्यों हो रही है ?

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ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि अगर बिजवी संकट नहीं, कोयला संकट नहीं, तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी ने मोदी सरकार को पत्र क्यों लिखा? देश में बिजली का संकट है और केंद्र सरकार जब इसे समस्या मानेगी, तभी इसका समाधान निकल पाएगा.

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दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि किसी भी पॉवर प्लांट में 15 दिन से कम का स्टॉक नहीं होना चाहिए. अभी ज्यादातर प्लांट में 2-3 दिन का स्टॉक बचा है.  केंद्र सरकार ये बताए कि एनटीपीसी के सारे प्लांट जब 50 से 55 फीसद क्षमता पर काम कर रहे हैं, तो फिर कोयले की कमी कैसे उत्पन्न हो रही है.

दिल्ली में कोयले से नहीं होता बिजली उत्पादन, दूसरे राज्यों के पावर प्लांट से होती है अधिकतम बिजली आपूर्ति- सत्येंद्र जैन

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह के देश में बिजली का संकट नहीं होने के बयान पर निशाना साधते हुए सत्येंद्र जैन ने कहा कि अगर केंद्र सरकार कह रही है कि बिजली का संकट नहीं है, तो देश के अलग-अलग मुख्यमंत्री इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री जी को चिट्ठी क्यूं लिख रहे हैं? यहां तक कि उत्तरप्रदेश में जहां भाजपा की खुद की सरकार है, वहां सीएम योगी मोदी सरकार को पत्र क्यों लिख रहे हैं? इस समय कोयले की बहुत बड़ी समस्या है. समस्या है, तभी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी द्वारा पत्र लिखा गया है.

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सत्येंद्र जैन ने कहा कि “दिल्ली में फिलहाल बिजली की मांग कम है. एक समय पर बिजली की मांग 7300 मेगावाट से भी ज्यादा थी, जो आज के समय में घटकर 4,562 मेगावाट हो गई है. मांग कम होने के बाद भी हमें बिजली 17 से 20 रुपए की दर पर खरीदनी पड़ रही है. दिल्ली सरकार के सबसे ज्यादा पॉवर परचेस एग्रीमेंट एनटीपीसी के साथ हैं, लेकिन उन्होंने अपने प्लांट में बिजली उत्पादन क्षमता 50 फीसदी कर दी है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर एनटीपीसी से दिल्ली को लगभग 4000 मेगावाट बिजली मिलती है, लेकिन आज की तारीख में उससे आधी बिजली भी नहीं मिल पा रही है.”