नई दिल्ली। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर पराली की समस्या से निपटने के लिए विकास विभाग को एक्शन प्लान बनाने के लिए जिम्मेदारी दी गई है. विकास विभाग के अंतर्गत कृषि विभाग आता है. विभाग से पूछा गया है कि दिल्ली के अंदर पैदा होने वाली पराली से निपटने के लिए इस साल टाइम लाइन और एक्शन प्लान क्या होगा? वहीं, धूल प्रदूषण रोकने के लिए तीनों एमसीडी, कंटोनमेंट बोर्ड, एनडीएमसी, डीडीए पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को जिम्मेदारी गई है.
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सभी निर्माण एजेंसियों को खासतौर पर चार बिंदुओं पर अपना एक्शन प्लान बनाने के लिए लक्ष्य दिया गया है. पहला, डस्ट सबमिशन केमिकल का प्रिक्योरमेंट करने का एक्शन प्लान. दूसरा, मैकेनिकल डोर स्वीपिंग का एक्शन प्लान, तीसरा, जो ये मशीनें धूल को खींचती हैं, उसके डिस्पोजल का एक्शन प्लान, चौथा, इस बार सभी विभागों को विशेष काम दिया गया है कि हर विभाग जमीन पर काम करने वाले अपने जूनियर इंजीनियर, एई और ठेकेदारों को संवेदनशील बनाने और उनके माइंड सेट को बदलने करने का काम करें. मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इसके लिए सभी विभागों के अंदर विशेष प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि पिछली बार जब मैं एंटी डस्ट कैंपेन के दौरान दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में गया और लोगों से बात की, तो मुझे ऐसा लगा कि लोगों की संवेदनशीलता कम है.
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अगर कोई कर रहा है तो वह इसलिए कर रहा है, क्योंकि उनको दिशा-निर्देश दिया हुआ है, इसलिए इस बार विशेष प्रावधान करते हुए यह कार्य दिया है. सभी विभाग जमीन पर काम करने वाले अपने इंजीनियर, एई और ठेकेदारों के साथ बैठक कर उन्हें प्रशिक्षित करेंगे कि यह करना क्यों जरूरी है? और दिशा-निर्देशों का अनुपालन करना क्यों जरूरी है? ताकि प्रदूषण को रोका जा सके.
तीसरा फोकस बिंदू कूड़ा जलाने का
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हमारा तीसरा फोकस बिंदु कूड़ा जलने का है. इसके लिए हमने एक्शन प्लान बनाने के लिए खासतौर पर एमसीडी को जिम्मेदारी दी है. इसमें एक सुझाव ये भी आया है कि कई जगहों पर लोग घर के अलावा भी कूड़ा इधर-उधर फेंक देते हैं और उस दौरान वहां पर आग लगती है. उन्होंने कहा कि हमने एमसीडी से एक एक्शन प्लान बनाने के लिए कहा है कि दूसरे जगहों पर फेंके गए कूड़े को आग लगने से पहले ही एकत्र कर कूड़ा घर पहुंचा दिया जाए, ताकि कूड़े में लगने वाली आग की घटनाओं को रोका जा सके.
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गार्ड्स को ठंड से बचाने के लिए बनेगा प्लान
साथ ही आरडब्ल्यूए और अन्य एजेंसियों के साथ बात की जाए. एक अन्य समस्या सामने आई है कि रात की ड्यूटी करने वाले गार्ड ठंड से बचने के लिए छोटे-छोटे कूड़े जलाते हैं. इसका एक वैकल्पिक प्लान बनाने को कहा गया कि कैसे उनको ठंड से बचाया जा सकता है.
दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को और प्रचारित किया जाए- गोपाल राय
वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए परिवहन विभाग को जिम्मेदारी दी गई है. विभाग से कहा गया है कि दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को और प्रचारित किया जाए. उसका रिस्पॉन्स काफी अच्छा है, लेकिन उसे और गति दी जाए. परिवहन विभाग को प्रदूषण सर्टिफिकेट की निगरानी को गति देने के लिए एक्शन प्लान बनाने को कहा गया है. ट्रैफिक पुलिस को वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए एक्शन प्लान बनाने का लक्ष्य दिया गया है. बहुत जगहों पर जब जाम की स्थिति पैदा होती है, तो वहां प्रदूषण स्तर बढ़ जाता है. जिन जगहों पर वाहनों की भीड़ ज्यादा हो रही है, उसके समाधान के लिए एक्शन प्लान बनाने का लक्ष्य दिया गया है. वहीं, जहां-जहां रेड लाइट खराब है या रेड लाइट बढ़ाने की जरूरत है, उनको सही करने को कहा गया है.
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डीटीसी या क्लस्टर की बसें जहां खराब हों, उन्हें ठीक करने नजदीकी डिपो से मैकेनिक भेजा जाए- गोपाल राय
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सड़कों पर जाम लगने के दो प्रमुख कारण होते हैं. एक रास्ते में ट्रक खराब हो जाता है और वो काफी समय तक वहीं पड़ा रहता है और वहां पर जाम लग जाता है. या फिर कहीं पर निजी गाड़ियां खराब हो जाती हैं, वे गाड़ियां भी सड़क पर ही पड़ी रहती हैं और जाम लग जाता है. इसके लिए ट्रैफिक पुलिस को कुछ विशेष प्रबंधन करने जिम्मेदारी दी गई है, ताकि इस तरह की घटना होने पर उन गाड़ियों को तत्काल हटाया जा सके.
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साथ ही परिवहन विभाग को जिम्मेदारी दी गई है कि डीटीसी की या क्लस्टर की जो बसें हैं, अगर वो बसें सड़क पर खराब हुई हैं, तो उसे ठीक करने के लिए सबसे करीबी डिपो से मकैनिक भेजा जाए. अभी तक यह सिस्टम रहा है कि खराब बस को ठीक करने के लिए संबंधित डिपो से मैकेनिक आता है. जैसे- अगर सिविल लाइन डिपो की बस छतरपुर पहुंचकर खराब हो गई, तो उसे ठीक करने के लिए सिविल लाइन से मैकेनिक जाएगा, तब उसे ठीक किया जाए. ट्रांसपोर्ट विभाग को इस समस्या से निपटने के लिए एक रचनात्मक कार्य योजना बनाने के लिए कहा गया है. ऐसा सिस्टम बनाया जाए कि जहां बस खराब हुई है, उसके सबसे करीबी डिपो से मैकेनिक जाकर बस ठीक कर सके. दिल्ली के अंदर जो हॉटस्पॉट हैं, एमसीडी उनकी नोडल एजेंसी है. हॉटस्पॉट की निगरानी की जिम्मेदारी एमसीडी को दी गई है.
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सभी विभाग पर्यावरण विभाग की तरफ से भेजे गए फार्मेट में अपना एक्शन प्लान बनाकर सौंपेंगे- गोपाल राय
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से संवाद की जिम्मेदारी पर्यावरण विभाग को दी गई है. वार्ड रूम और ग्रीन एप पर डीपीसीसी और पर्यावरण विभाग काम करेंगे. डीपीसीसी खासतौर पर इसे और बेहतर करने के लिए काम करेगी. केंद्र सरकार से सामंजस्य स्थापित करने का काम पर्यावरण विभाग करेगा. सभी विभागों को 21 सितंबर तक विंटर एक्शन प्लान बनाने लक्ष्य दिया गया है. पर्यावरण विभाग की तरफ से हम सभी विभागों को एक फॉर्मेट भेज रहे हैं, जिसमें वे अपना एक्शन प्लान बनाकर सौंपेंगे. साथ ही, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जल्द ही केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलेंगे और उनसे भी चर्चा करेंगे.
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गोपाल राय ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मैं हम दोनों पर्यावरण मंत्री से मिलेंगे और केंद्र सरकार से भी विस्तार से चर्चा करेंगे. पिछले साल हमने दिल्ली में जो बायो डि-कंपोजर का प्रयोग किया था, उसका थर्ड पार्टी ऑडिट हुआ है, उसकी रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को सौंपेंगे, ताकि दिल्ली को पराली की समस्या से निजात दिलाई जा सके.