नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्रों ने व्यापारियों के लिए पानी में घुलनशील प्लास्टिक, कम लागत वाले कंप्यूटर और एडवरटाइजिंग सॉल्यूशन जैसे स्टार्टअप विकसित किए हैं. इन छोटे एंत्रप्रेन्योरर्स के स्किल्स की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. इन स्टार्टअप्स को केजरीवाल सरकार के बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के तहत डेवलप किया गया है और साथ इन छोटे बिजनेस स्टार्स को प्रसिद्ध उद्यमियों से फंडिंग, मेंटरशिप और सपोर्ट भी मिल रहा है. दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले इन बिजनेस स्टार्स ने पर्यावरण की रक्षा के लिए अनोखा समाधान ढूंढ निकाला है और पानी में घुलनशील और खाद बनाने योग्य प्लास्टिक बनाया है. इस प्लास्टिक को विकसित करने के लिए छात्रों ने 100 से अधिक प्रयोग किए. इन्वेस्टर्स से मिले 1.5 लाख रुपये के निवेश के बाद वे इसे अब बाजार तक पहुंचाने का काम करेंगे.

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वहीं दिल्ली सरकार के एक स्कूल की 4 लड़कियां छोटे विक्रेताओं के व्यापार को बढ़ाने के लिए एक सफल विज्ञापन व्यवसाय चला रही हैं. यह एडवरटाइजिंग स्टार्ट अप छात्रों द्वारा खाली समय में अपने माता-पिता के फोन का इस्तेमाल करके बनाया गया है और बेहद कम समय में ही इनके पास 40 ग्राहक बन गए हैं, जिन्हें ये एडवरटाइजिंग सर्विस प्रोवाइड करवाते हैं. केजरीवाल सरकार के स्कूल ऑफ एक्सीलेंस से 15 साल के बच्चों का एक ग्रुप ऐसा स्टार्ट-अप चला रहे है जो लो-कॉस्ट और हाई-परफॉरमेंस वाले कंप्यूटर बनाते हैं. आधुनिक तकनीक और पुराने हार्डवेयर को कस्टमाइज्ड करते हुए ये छात्र ऐसे किफायती कंप्यूटर तैयार कर रहे हैं, जो सभी को मिल सके. इन सभी बच्चों ने रविवार को बिजनेस ब्लास्टर्स के तीसरे एपिसोड में जज की भूमिका निभा रही सुता की सह-संस्थापक सुजाता और लेप्टन सॉफ्टवेयर के सीईओ डॉ राजीव सराफ के सामने अपने स्टार्टअप आइडियाज को पेश किया और निवेश हासिल किया. उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भी जज की भूमिका में इस कार्यक्रम में शामिल रहे.

इन्वेस्टर्स के सामने पेश पहला आइडिया ‘टेक-अप’ 15 वर्षीय अंश वर्मा और उनके साथियों ध्रुव, सभय, देवेश, देवांशी और अश्मिता ने पेश किया. इनके स्टार्टअप का उद्देश्य स्टूडेंट्स को लो-कॉस्ट, हाई-परफॉरमेंस कंप्यूटर उपलब्ध कराना है, ताकि उनकी लर्निंग बंद न हो. इन्वेस्टर्स इनके आइडिया से बहुत प्रभावित हुए और इस स्टार्टअप में 75, 000 रुपये का निवेश किया. इस मॉडल में ये बिजनेस स्टार्स आधुनिक तकनीक और पुराने हार्डवेयर को कस्टमाइज्ड करते हुए कंप्यूटर बनाते हैं. इससे कम लगत में कंप्यूटर तैयार हो जाता है. एसओई द्वारका के स्टूडेंट अंश ने बताया कि “आज हम सरल तकनीकी हैक्स का उपयोग करके कम लागत और उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटर का निर्माण कर रहे हैं और सरकार से मिले सीड मनी का उपयोग करके हम अपने इस स्टार्टअप को बढ़ाने में भी कामयाब रहे हैं.” उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम ने हमें सिखाया है कि कैसे एक टीम को मैनेज किया जाता है. बेहतर रिजल्ट के लिए टीम के सभी सदस्य स्टार्टअप में मार्केटिंग, असेंबली मैनेजमेंट, फाइनेंस और विपणन के लिए अलग-अलग भूमिका निभा रहे हैं. टीम को 75,000 रुपये का निवेश प्राप्त हुआ, साथ ही लेप्टन सॉफ्टवेयर और सुता के कर्मचारियों द्वारा उपयोग किए जा रहे सभी कंप्यूटरों के प्रदर्शन का आकलन करने का ऑफर भी मिला.

 

पर्यावरण की रक्षा करने के लिए तैयार किया गया पानी में घुलनशील प्लास्टिक

शो का दूसरा आइडिया ‘बायोथीन’ मोहम्मद वसीम और उनके साथी वीरेंद्र, मोहित, चेतन, नितिन और विशाल द्वारा प्रस्तुत किया गया. भविष्य को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण की रक्षा पर केंद्रित इस आइडिया ने जजों को मंत्रमुग्ध कर दिया. वसीम ने बताया कि “बायोथीन का आइडिया हमारे पर्यावरण में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने की जरूरत से आया. गहन रिसर्च और विज़न के साथ हमने एक ऐसा प्लास्टिक बनाया, जो पानी में घुलनशील हो, सड़ सकने योग्य हो और जानवरों द्वारा निगले जाने पर सुरक्षित हो.

 

उल्लेखनीय है कि बिजनेस ब्लास्टर्स भारत में अपनी तरह का पहला टेलीविजन कार्यक्रम है, जो दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 11वीं और 12वीं के छात्रों को इन्वेस्टर्स के सामने अपने प्रोजेक्ट्स को प्रस्तुत करने और उन्हें अगले स्तर पर ले जाने के लिए निवेश प्राप्त करने का अवसर देता है. शो में 3 लाख स्टूडेंट्स के 51,000+ बिज़नेस आइडियाज में से चुने गए बेहतरीन आइडियाज को दिखाया जाएगा. हर रविवार शाम 7 बजे दिल्ली के सरकारी स्कूलों के इन बिजनेस स्टार्स को इन्वेस्टर्स के मुश्किल सवालों का सामना करते और उन्हें अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए इनवेस्टमेंट प्राप्त करते देखे.

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बिजनेस ब्लास्टर्स 11वीं-12वीं कक्षा के लिए एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम (EMC) का एक प्रैक्टिकल कॉम्पोनेन्ट है और इससे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स में टीम वर्क, लीडरशिप, ब्रेन-स्टोर्मिंग, क्रिटिकल-थिंकिंग स्किल्स विकसित करने  के साथ-साथ सामाजिक चुनौतियों व व्यावसायिक अवसरों की पहचान करने, व्यावसायिक योजनाएं तैयार करने और अपने आसपास उन विचारों को लागू करने का अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस प्रोग्राम के तहत सभी भाग लेने वाले स्टूडेंट्स को 2,000-2,000 रुपए की सीडमनी दी जाती है. स्टूडेंट्स, इंडिविजुअल या टीम्स में इस सीड मनी का उपयोग खुद का एंटरप्राइज शुरू कर प्रॉफिट कमाने या सोशल इम्पैक्ट पैदा करने के लिए करते हैं.