दिल्ली हाईकोर्ट(Delhi High Court) ने सदर बाजार के अनाज मंडी क्षेत्र में दिसंबर 2019 में हुए भयंकर अग्निकांड (Anaaj mandee agnikaand ) से संबंधित ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें इमारत के मालिक मोहम्मद इमरान पर आरोप तय किए गए थे. इस दुर्घटना में 45 श्रमिकों की दुखद मृत्यु हुई थी. हाईकोर्ट में जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने सुनवाई के दौरान बताया कि मोहम्मद इमरान के पास इमारत की चौथी मंजिल और छत पर स्थित एक गोदाम का स्वामित्व था, जो अवैध रूप से निर्मित किए गए थे. यह निर्माण भवन नियमों का स्पष्ट उल्लंघन था.

दिल्ली हाई कोर्ट का अहम फैसला, कहा- ‘सरकारी नौकरी में देरी से नहीं मिलेगा संवेदनशील नियुक्ति का लाभ’

इमरान के वकील की दलील कोर्ट ने खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इमरान की नियमित उपस्थिति, दूसरी मंजिलों का स्वामित्व, स्थान को किराए पर देकर आय अर्जित करना और पहले की आगजनी की घटना के बावजूद सुधार न करना, यह सभी तथ्य यह दर्शाते हैं कि वह अन्य आरोपियों के साथ मिलकर इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार है.

मोहम्मद इमरान के वकील ने अदालत में यह तर्क प्रस्तुत किया कि इमरान उस फ्लोर का मालिक नहीं है, जहां शॉर्ट सर्किट हुआ था. हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने इस तर्क को अस्वीकार करते हुए कहा कि पूरी इमारत की बिजली की वायरिंग में खामियां थीं, जिससे आग लगने की संभावना थी. इसलिए, इमरान को केवल इस आधार पर बरी नहीं किया जा सकता है.

दिल्ली में कांग्रेस सांसद की चेन छीनने वाला पकड़ाया, दिल्ली पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार, 20 से ज्यादा मामले हैं दर्ज

निचली अदालत में किन धाराओं में चलेगा मुकदमा

कोर्ट ने निर्णय दिया कि इमारत अवैध रूप से निर्मित की गई थी और इसमें बिना अनुमति के व्यावसायिक गतिविधियाँ संचालित हो रही थीं. इमरान और अन्य आरोपियों ने लाभ के लिए मजदूरों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया. इस इमारत में न तो कोई आपातकालीन निकासी का रास्ता था और न ही आग बुझाने के लिए कोई व्यवस्था मौजूद थी.

एक ही सीढ़ी थी, जो अक्सर ज्वलनशील सामग्री से भरी रहती थी. कोर्ट ने उल्लेख किया कि मार्च 2019 में यहां आग लगने की घटना हुई थी, लेकिन इसके बावजूद कोई सुधार नहीं किया गया. दिल्ली हाईकोर्ट ने इमरान के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 308, 35 और 36 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही, वैकल्पिक रूप से धारा 304A, 337 और 338 भी लागू की गई है. इस आदेश के बाद, आरोपी मोहम्मद इमरान के खिलाफ ट्रायल शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.