रायपुर। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ी भाषा को कभी आगे बढ़ने नहीं दिया। ये कहना छ्त्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संयोजक नंदकिशोर शुक्ल और छत्तीसढ़िया महिला क्रांति सेना के पदाधिकारियों का। दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रियों और सांसदों से मिलकर व जंतर-मंतर में प्रदर्शन कर लौटें सेनानियों का आरोप है कि राज्य सरकार की उदासीन रवैय्ये के चलते ही राजभाषा छ्त्तीसगढ़ी अब सरकारी कामकाज और पढ़ाई-लिखाई का माध्यम नहीं बन पाया है।

इन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर सहित प्रदेश के सांसदों से मुलाकात हुई सभी ने छत्तीसगढ़ी जो कि राज्य की मातृभाषा है उसे शिक्षा का माध्यम बनाने का आश्वासन दिया। लेकिन इसके लिए मुख्य रूप से सरकार को ही पहल करनी होगी। नंदकिशोर शुक्ल ने भी कहा कि राज्य की दर्जनों मातृबोलियों खतरे में हैं। इन्हें बचाने की दिशा में भी सरकार का कोई प्रयास नही दिख रहा है।