नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के फीस बढ़ोतरी को लेकर दिए आदेशों को नजरअंदाज करने का खामियाजा आखिरकार शेख सराय स्थित एपीजे स्कूल के प्रबंधन को भुगतना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्कूल प्रबंधन को अपने हाथ में लेने के लिए शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ फाइल लेफ्टिनेंट गवर्नर को भेज दी है.

शिक्षा निदेशालय ने एपीजे स्कूल के वित्तीय विवरण का गहनता से निरीक्षण किया था. अभिलेखों के विस्तृत निरीक्षण के बाद विभाग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि स्कूल प्रबंधन को अभी फीस बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है. इस संबंध में निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2018-2019 और 2019-2020 के लिए स्कूल द्वारा प्रस्तावित शुल्क ढांचे को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया. इसके बाद निदेशालय ने स्कूल को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाए या फिर सरकार क्यों न स्कूल का प्रबंधन अपने हाथ में ले ले.

शिक्षा निदेशालय ने स्कूल को कई बार नोटिस जारी कर बढ़ाई गई फीस को नहीं वसूलने और जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया था, लेकिन स्कूल ने कोई जवाब नहीं दिया. स्कूल ने शिक्षा निदेशालय के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशालय के उस आदेश का समर्थन किया, जिसमें स्कूल से बढ़ी हुई फीस वापस लेने के लिए कहा गया था.

न्यायालय के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने शेख सराय स्थित एपीजे स्कूल के प्रबंधन को अपने हाथ में लेने का निर्णय किया है और शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव को सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंजूरी दे दी है. अब इस फैसले को आगे एलजी के पास भेज दिया गया है.
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने देगी. हम अभिभावकों के साथ हैं, और उन्हें आश्वस्त करते हैं कि हम इस तरह के अन्याय के खिलाफ हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे और उन्हें किसी भी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करने देंगे.