नई दिल्ली. दिल्ली से गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ने के लिए देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. अधिकारियों का दावा है कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम योजना वर्ष 2025 तक पूरी हो जाएगी.
हाईपावर कमेटी की बैठक में प्रगति समीक्षा करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने निर्देश दिया कि मेरठ और गाजियाबाद में निर्माण में आ रही समस्याओं को जल्द पूरा करें. जमीन संबंधी सभी मुद्दे अक्टूबर तक निस्तारित कर लिए जाएं. कोरोना के बावजूद तेजी से हुए काम के लिए उन्होंने नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) की सराहना भी की. ये भी पढ़ेः डांस+ 6 के सेट पर Neeraj Chopra ने जज Shakti Mohan को किया प्रपोज, अपने अंदाज में कह दी ये बात …
बैठक के दौरान मुख्य सचिव को बताया गया कि प्राथमिकता खंड साहिबाबाद से दुहाई, जिसकी कुल लम्बाई लगभग 17 किलोमीटर है, को मार्च 2023 में चालू कर दिया जाएगा. ये भी पढ़ेः बड़ी खबरः आसाराम बापू के रायपुर आश्रम का केयर टेकर गिरफ्तार… वैसे पूरी परियोजना का शत-प्रतिशत काम तो 2025 तक पूरा होगा. वैसे संचालन दो साल में मेरठ तक शुरु हो जाएगा. वर्तमान में 1100 इंजीनियर और 10 हजार से ज्यादा मजदूरों के साथ 16 लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) तय समय सीमा के अन्दर प्रोजेक्ट पूरा करने में लगे हैं.
गाजियाबाद जिले में बनाए जाएंगे सात स्टेशन
गाजियाबाद जिले की सीमा में रैपिड रेल के कुल सात स्टेशन बनाए जा रहे हैं. जिनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर दक्षिण व मोदीनगर उत्तरी स्टेशन शामिल रहेंगे. ये भी पढ़ेः कपिल शर्मा को चूना लगाने वाला कार डिजाइनर का बेटा गिरफ्तार, ये है मामला इतना ही नहीं आने वाले समय में रैपिड रेल का विस्तार होने के बाद गाजियाबाद का सबसे ऊंचा स्टेशन जंक्शन के रूप में देखा जा सकता है. क्योंकि जिस तरह से इस स्टेशन का विस्तार किया जा रहा है, आने वाले समय में इसे जंक्शन बनाए जाने की तैयारी मानी जा सकती है.
मॉडल के रुप में तैयार होगा स्टेशन
दिल्ली से मेरठ को जोड़ने के लिए रैपिड रेल का विस्तार किया जा रहा है. इस पर तेजी से काम चल रहा है. गाजियाबाद में बनाया जा रहा रैपिड रेल का स्टेशन एक मॉडल के रूप में तैयार किया जा रहा है. जहां पर सभी सुविधाएं दी जाएंगी. इसके अलावा स्टेशन के आसपास यही करीब डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र को रैपिड रेल प्रभावित क्षेत्र घोषित कर व्यवसायिक व मिश्रित उपयोग को मान्य किया गया है. 27000 वर्ग मीटर की जमीन पर स्टेशन के साथ 5 मंजिला एक मॉल भी बनाया जाएगा. यह मॉल भी साधारण नहीं बल्कि खास ही होगा.