Delhi News:  नई दिल्ली. फर्जी जीएसटी फर्म खोलकर बोगस विलों के जरिए 14 करोड़ 80 लाख रुपये का फर्जी लेन-देन करने के मामले में पुलिस ने आरोपी शशिकांत गुप्ता (56) को 21 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया, जो रिमांड पर है. महज पांच महीने के भीतर इसे अंजाम दिया गया. पीड़ित की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 2021 में केस दर्ज किया था.

डीसीपी विक्रम पोरवाल के मुताबिक, चार्टर्ड अकाउंटेंट राजीव जैन ने बताया कि उनके पैन कार्ड का इस्तेमाल कर मैसर्स मधु एंटरप्राइजेज कंपनी के नाम पर 19 जुलाई 2019 को फर्जी जीएसटी नंबर लिया गया. इसके जरिए जुलाई 2019 से नवंबर 2019 के बीच फर्जी बिलिंग के जरिए 14 करोड़ 80 लाख रुपये का लेन-देन किया गया. इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार, एसआई अरविंद कुमार और घनश्याम की टीम ने ग्रेटर नोएडा निवासी आरोपी शशिकांत गुप्ता को बीते 21 अप्रैल को पकड़ लिया. जांच में जीएसटी डिपार्टमेंट से मिला फोन नंवर सिक्योरिटी गार्ड के नाम से लिया था. गार्ड ने बताया कि उससे बैंक में खाता खुलवाने के नाम पर दस्तावेज लिए थे, लेकिन कभी डॉक्युमेंट्स नहीं मिले.

 पुलिस का दावा है कि आरोपी शशिकांत गुप्ता और उसके बेटे अक्षय गुप्ता ने अपने कंट्रोल वाली कंपनियों की जीएसटी देनदारी से बचने के लिए बोगस फर्मों के जरिए फर्जी लेन-देन और बिलिंग की. आरोपी शशिकांत मूल रूप से शाहदरा का रहने वाला है, जिसने 12वी की पढ़ाई की है. पिता की चांदनी चौक में इलेक्ट्रिक सामान की दुकान थी. इसने पहले प्लास्टिक फैक्ट्री में काम किया, जबकि 1992 में प्लास्टिक के दानों के ट्रेडिंग का कारोबार शुरू कर दिया. इसी तरह का एक केस सोनीपत में भी दर्ज है.

कर्मचारियों और जानकारों के दस्तावेजों से बैंक खाते और फर्जी कंपनियां खोलता था. आरोपी ने 11 फर्म के नाम पर ऐसे खाते खोल रखे थे. जीएसटी डिपार्टमेंट से बचने के लिए आरोपी शशिकांत और उसके बेटे अक्षय गुप्ता ने ऐसा किया.