नई दिल्ली। आजादी के 75वें साल पूरे होने पर भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इसके साथ ही भारत उन प्रतीकों को भी दरकिनार कर रहा है, जो हमें हमारी गुलामी की याद दिलाते हो. इसकी शुरुआत अलग-अलग स्तरों पर हो रही है, जिनके केंद्र में देश की राजधानी दिल्ली है. एक ओर कभी किंग्सवे कहलाने वाला राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इससे होकर गुजरने में आपको जीता-जागता नया भारत नजर आएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान औपनिवेशिक मानसिकता से जुड़े प्रतीकों को खत्म करने पर जोर दिया था. ऐसे में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलने का फैसला किया है. जिसके बाद इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरा मार्ग और क्षेत्र कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा. ब्रिटिश काल में राजपथ को ‘किंग्सवे’ कहा जाता था. इस संबंध में नई दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल (NDMC) की 7 सितंबर को होने वाली स्पेशल मीटिंग में प्रस्ताव लाया जाएगा, जिसके बाद नेताजी स्टेच्यू से राष्ट्रपति भवन तक का पूरा मार्ग ‘कर्तव्यपथ’ के नाम से जाना जाएगा.

पीएम करेंगे सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन

एक तरफ जहां राजपथ का नाम कर्तव्यपथ किया गया है, वहीं दूसरी ओर सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत विजय चौक से इंडिया गेट तक पूरे हिस्से को नए भारत की परिकल्पना के लिहाज से बदलकर दिया गया है. ‘कर्तव्यपथ’ के साथ बने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में राज्यवार फूड स्टॉल, चारों ओर हरियाली, ग्रेनाइट पैदल मार्ग, वेंडिंग जोन, पार्किंग स्थल और चौबीसों घंटे सुरक्षा की व्यवस्था होगी. हालांकि, इंडिया गेट से मान सिंह रोड तक गार्डेन एरिया में कुछ भी खाने-पीने की इजाजत नहीं होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ सितंबर को पूरे खंड का उद्घाटन करेंगे.

दो साल पहले रखी गई थी नींव

सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी. 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी. इसके अंतर्गत एक नया त्रिकोणीय संसद भवन, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय, तीन किलोमीटर के राजपथ का कायाकल्प, नया प्रधानमंत्री आवास, नया प्रधानमंत्री कार्यालय और एक नए उपराष्ट्रपति एन्क्लेव का निर्माण किया जा रहा.

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