संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी. एकलव्य आवासीय विद्यालय में अधीक्षक और प्रिंसिपल के विवाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल आज छात्रों ने अधीक्षक और अधीक्षिका को तत्काल हटाने की मांग को लेकर कड़ी धूप में 5 घंटों तक
धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्र-छात्राओं ने पोस्टर हाथ में रखते हुए झूठा आरोप नहीं सहने की बात कहते हुए अधीक्षक और अधीक्षिका को त्वरित हटाने की मांग की. फिलहाल जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया.

उच्च अधिकारी को पूर्व सूचना के बाद भी आखिर क्यों नहीं ली सुध
जिन हाथों में कलम और किताब सुशोभित होते है उन बच्चों के हाथों में आंदोलन का पोस्टर नजर आया है, जहां बच्चे छात्रावास प्रबंधन के खिलाफ खुलकर प्रदर्शन करते नजर आए. क्या इसके लिए स्कूल और छात्रावास प्रबंधन के अलावा विभाग जिम्मेदार नहीं है. क्या विभागीय अधिकारियों की लापरवाही इसे नहीं माना जाना चाहिए.

जानकारी के अनुसार, छात्रावास प्रबंधन और प्राचार्य के बीच विवाद की स्थिति की जानकारी महीनों से लिखित में विभाग के अधिकारियों को दी गई है. जिसपर विभाग में निपटारा करने के बजाय हल्के में लिया. यही नहीं दो दिन पहले छात्रों को मेला घुमाने के मामले की अधीक्षिका समेत प्राचार्य ने संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी को जानकारी दी. इसके बावजूद गंभीरता से नहीं लिया. यही वजह है कि पूरा विवाद का टिकरा आंदोलन के रूप में स्कूल में दिखाई पड़ा. आखिरकार जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला और मामले को शांत कराया. वहीं सब कुछ जानते हुए भी क्या विभाग के अधिकारी इसे गंभीरता से लेते हुए पूर्व में ही इस तरह की शिकायतों का निराकरण कर लेना चाहिए था. यह सवाल है. बहरहाल देखना होगा ऐसे अधिकारियों पर भी जिम्मेदार अधिकारी कब तक एक्शन लेंगे.

जानिए क्या है मामला…
मुंगेली जिले के लोरमी तहसील अंतर्गत बंधवा में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल मामला एक दिन पहले का है. जहां एकलव्य आवासीय विद्यालय अंतर्गत छात्रावास से प्रिंसिपल ने बिना पालकों को सूचना दिए ही 6 बच्चों को मेला घुमाने के बाद अपने घर ले गए. जहां रात रुकने के बाद सुबह बच्चों को प्रिंसिपल बालिका छात्रावास छोड़ने गए. जहां पर छात्रावास की अधीक्षिका की सूचना अनुसार पहले ही जांच अधिकारी छात्रावास में मौजूद थे जिनके द्वारा इस पूरे मामले की जांच की गई.

वहीं महीनों पहले ही छात्रावास के अधीक्षक को हटाने की मांग को लेकर लगातार छात्रों के द्वारा आदिम जाति विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से लिखित में शिकायत की गई थी. बावजूद इसके अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. यही वजह है कि आज छात्रों को अधीक्षक और अधीक्षिका को हटाने की मांग पर धरना प्रदर्शन किया. इस पूरे मामले में एकलव्य आवासीय विद्यालय के प्रिंसिपल पी.डी. ध्रुव बालिका छात्रावास की अध्यक्षता रीता डिंडोरे की लापरवाही सामने आई है. जिसके चलते बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

छात्रों की पढ़ाई प्रभावित के लिए जिम्मेदार कौन ?
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत एकलव्य आवासीय विद्यालय की शुरुआत मुंगेली जिले के बंधवा गांव में की गई. जहां 360 आदिवासी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई समेत मूलभूत सुविधा के लिए साल में करोड़ों रुपए खर्च किया जाता है. पढ़ाई कराने के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है. बावजूद इसके इन दिनों एकलव्य आवासीय विद्यालय परिसर राजनीतिक अखाड़ा के रूप में चर्चा में है. वहीं बालिका छात्रावास की अधीक्षिका, बालक छात्रावास के अधीक्षक, प्राचार्य और अब बच्चे आमने-सामने नजर आ रहे हैं. वही इनके विवादों के चलते के चलते भोले भाले आदिवासी बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

मामले को लेकर बालिका छात्रावास की अधीक्षिका नीता डिंडोरे ने बताया कि, 6 बच्चों को प्राचार्य के द्वारा सुबह 9:25 में लेकर गए थे, जिन्हें शाम तक छात्रावास नहीं छोड़ा गया. 6 बजे के बाद जब प्राचार्य से संपर्क किया गया तब उन्होंने बताया कि देर होने के कारण सभी बच्चे उनके घर में ही रहेंगे. कल सुबह आने की सूचना दी. जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई जिसके बाद सुबह आदिम जाति विभाग के जिला संयोजक जांच के लिए छात्रावास पहुंचे थे, जिनके द्वारा बयान तो लिया गया लेकिन जांच के बाद फाइल बंद करते हुए जवाबदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

वहीं आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक एच डी डहरिया ने बताया कि, नियम के अनुसार बालिका छात्रावास से किसी भी छात्रा को बिना पालक की अनुमति के बगैर बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती. बावजूद इसके बालिका छात्रावास की अधीक्षिका ने प्राचार्य के कहने पर 6 छात्राओं को बाहर जाने दिया गया. जिसकी एंट्री छात्रावास के रजिस्टर पर भी मौजूद है. साथ ही सभी छात्र दिन रात गायब होने के बाद तड़के सुबह छात्रावास पहुंचे. इस मामले की जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. साथ ही छात्रावास में पदस्थ अधीक्षक और अधीक्षिका को हटाने की कार्रवाई कल तक कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि, बिना पालक की सूचना बगैर छात्रों को बाहर जाने की अनुमति देने और प्राचार्य को बाहर ले जाने की अनुमति नहीं है. जिले के अधिकारी अभी नहीं है कल आने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगी.

मामले में बालक छात्रावास के अधीक्षक अश्वनी बंजारे ने कहा कि, जब कल जांच में अधिकारी छात्रावास आए थे तब बच्चों ने कुछ नहीं बताया. इसको लेकर अन्य बच्चों ने उन्हें बताया कि, उनके खिलाफ इस तरह का आरोप धरना में बैठे छात्रों ने पालकों और प्राचार्य के कहने पर लगाए हैं. साथ ही यह भी कहा कि, उनके खिलाफ आज धरना प्रदर्शन दुर्भावनावश प्राचार्य के कहने पर छात्रों ने किया है.

वहीं इस पूरे मामले में छात्रा ममता ध्रुव ने कहा कि, यदि कल तक अधीक्षक और अधीक्षिका को नहीं हटाया जाता तो उस स्थिति में छात्रों के द्वारा मुख्य मार्ग में चक्काजाम किया जाएगा.

मेन्टेन्स के नाम पर छात्रावास अधीक्षक करते हैं वसूली
आरोप यह भी है कि छात्रावास अधीक्षक के द्वारा बच्चों से मेंटेनेंस के नाम पर एक एक हजार रुपये की राशि ली गई है. साथ ही घटिया खाना देने की शिकायत जब अधीक्षक से की जाती है, तो वे कहते हैं कि राशन तुम्हारा बाप लाता है.

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