गरियाबंद : पहले नदी जमीन लील गई, जो बची उस पर बिजली विभाग ने खंभा गाड़ दिया. ये हाल है कूम्हडई खुर्द निवासी तुकाराम का. तुकाराम का आरोप है कि बिना सहमति के विद्युत विभाग ने उनके के घर बनाने वाले जमीन पर खंभा गड़ा दिया. अब मामला ये है कि खंभा हटाने के लिए तुकाराम को अपनी जेब से पैसे देने पड़ेंगे.

तुकाराम को पहले 40 हजार का एस्टिमेट बताया गया था. अब विभाग ने 60 हजार रुपये का एस्टिमेट थमा दिया है. अब विभाग का कहना है कि भुगतान करने के बाद ही खंभा हटेगा. बता दें कि खंभा लगाते वक्त परिवार ने इसका विरोध किया था. लेकिन तब किसी ने इनकी नहीं सुनी और बिना सहमति के खंभा गड़ा दिया गया. अब विभाग विद्युत सुरक्षा नियमों के उल्लंघन का हवाला देकर 15 दिन के भीतर तुकाराम को खंभा हटवाने का नोटिस थमा दिया है. मजदूरी से गुजर बसर करने वाला तुकाराम ने इस पर कहा कि सीएम साहब आएंगे तो उन्ही से मदद मांगूगा.

तुकाराम को 40 हजार का एस्टिमेट

मीडिया में मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने CSPDCL के कार्यपालन अभियंता को इस पर त्वरित कार्रवाई के लिए आवश्यक पहल करने को निर्देशित किया था. विभाग के आला अफसरों के निर्देश पर देवभोग सहायक अभियंता विनोद तिवारी तुकाराम के घर पहुंचे. मामले की विस्तृत जानकारी और खंभा हटाने का एस्टिमेट भी बना कर दिया. मौके पर पटवारी प्रतिवेदन से लेकर मौजूद मुखिया से पंचनामा भी तैयार कराकर जानकारी छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के गरियाबंद दफ्तर को भेज दिया. जिसके बाद गरियाबंद कार्यपालन अभियंता पी.के. साहू ने जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि तुकाराम के मकान से खंभा हटाने की कार्रवाई मांग पत्र के भुगतान के बाद की जाएगी. उन्होंने जांच प्रतिवेदन के हवाले से बताया कि बिजली खंभा घर बनने से पहले मौजूद है.

नियमों का हवाला

पीके साहू ने बताया कि दिए गए नोटिस में कहा गया है कि सुरक्षा एवं विद्युत आपूर्ति नियमावली 2010 के तहत खंभा से सुरक्षित अंतर बनाए जाने की व्यवस्था कर कार्रवाई की औपचारिकता के लिए अनापत्ति पत्र और डिमांड राशि 60 हजार रूपये 15 दिन के भीतर कार्यालय को प्रस्तुत करें. इस दरम्यान कोई दुर्घटना होती है तो उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी स्वयं की होगी.

सीएम से मांगूंगा मदद- तुकाराम

पीड़ित किसान तुकाराम नोटिस और मांगपत्र देखने के बाद परेशान है. उसने कहा कि खंभा मेरे जमीन पर ही गाड़ दिया गया है. परिवार बढ़ रहा था, जिसे देखते हुए उसने अपने पक्के मकान से लगगकर एक और मकान बना लिया. जिसमें खंभे को मकान के अंदर लेना पड़ा. तुकाराम ने कहा कि जरूरत को देखते हुए घर बनाना जरूरी था. खम्भे के चारो ओर मकान बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. तुकाराम ने कहा कि बड़ी मुश्किल से गुजारा हो पाता है, ऐसे में खंभा हटाने का पैसा भरना मेरे लिए संभव नहीं है. अब जब सीएम आएंगे तब उनसे मदद मांगूंगा.

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