नितिन नामदेव, रायपुर. अचानक 2000 के नोट बंद होने पर एनएसयूआई ने आज विरोध प्रदर्शन किया. एनएसयूआई प्रदेश सचिव कुणाल दुबे के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भारतीय अर्थव्यवस्था की शवयात्रा निकालकर घड़ी चौक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया.

एनएसयूआई प्रदेश सचिव कुणाल दुबे ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 1000 के नोट रद्द कर दिए थे. इसमें नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह कदम आतंकवाद, भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया है और आज 2000 के नोट को इसलिए बंद किया जाता है कि भ्रष्टाचार बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री बिना रणनीति और नीति के देश की जनता को परेशान करने का काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, आरबीआई की रिपोर्ट 1.5 हजार 80 करोड़ से ज्यादा सर्कुलर से गायब होना है, जो आरबीआई ने नष्ट भी नहीं किया है. गुम हुए इन नोटों का वैल्यू 9.21 लाख करोड़ है. ऐसे भ्रष्टाचारी सरकार के विरोध में एनएसयूआई ने अंबेडकर चौक से घड़ी चौक तक देश की अर्थव्यवस्था की शवयात्रा निकाली.

प्रदर्शन में प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल, पुनेश्वर लहरे जिला उपाध्यक्ष तारिक अनवर विधानसभा अध्यक्ष अनुज शुक्ला विशाल मानिकपुरी,जिला महासचिव गावेश साहू रजत ठाकुर,मेहुल विज, सूरज शर्मा, रौनक साहू, तनिक्ष मिश्रा, दीपक कोशारिया, अभिषेक दुबे, आशुष महापात्र, मैंहुल यादव, दीपक यादव, मयंक ठाकुर समेत सैकड़ों छात्र नेता उपास्थित थे.

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