बिलासपुर। लोक निर्माण विभाग बस्तर में पदस्थ मुख्य अभियंता पीडी साय को विभागीय पद्दोन्नति समिति द्वारा योग्य पाए गए जाने के बाद भी श्रेणी से अपग्रेड नहीं करते हुए पदोन्नति नहीं दिए जाने पर उच्च न्यायालय में याचिका लगाई है. मामले की 20 अक्टूबर को हुई सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय के जस्टिस गौतम भादुरी ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया है.

जानकारी के अनुसार, विभागीय पद्दोन्नति समिति द्वारा योग्य पाए जाने के बाद भी मुख्य अभियंता पीडी साय की श्रेणी को अपग्रेड नहीं किया गया तो उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका लगाई. उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद भी जब सरकार ने आदेश नहीं दिया तो उन्होंने न्यायालय अवमानना का प्रकरण उच्च न्यायालय में दायर किया. मामले की सुनवाई के बाद जुलाई में उच्च न्यायालय ने अवमानना नोटिस लोक निर्माण विभाग को जारी किया,और 3 सप्ताह में जवाब देने को कहा था, लेकिन 4 माह से जवाब पेश नहीं किया, और फिर से उन्हें प्रमोशन नहीं देते हुए पीएससी को पुनः डीपीसी आयोजित करने लेटर भेजा.,पीएससी ने पुनः साय को उपयुक्त पाया, फिर भी प्रमोशन नहीं दिया गया.

मुख्य अभियंता पीडी साय ने फिर उच्च न्यायालय में अपने अधिवक्ता संदीप दुबे ,शांतम अवस्थी के माध्यम से याचिका लगाई और राज्य और पीएससी को को रिट की कॉपी दी, उसके पश्चात फिर एक उच्च अधिकारियों ने पुनः डीपीसी 19 अक्टूबर को जल्दबाजी में फिर आयोजित करवाई. इसके बाद फिर से पीएससी ने पीडी साय को पदोन्नति के उपयुक्त पाया है. उच्च न्यायालय ने पीडी साय की याचिका पर 20 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 3 हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया है.