नई दिल्ली। दिल्ली के रोजगार बजट में अगले 5 साल में 20 लाख रोजगार तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दिल्ली की लाजपत नगर, कमला नगर मार्केट का पुनर्विकास किया जाएगा. सरकार दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन करेगी. इसका आयोजन सितंबर, अक्टूबर या फरवरी-मार्च के महीने में किया जाएगा और यह फेस्टिवल 4-6 सप्ताह के लिए आयोजित होगा, जहां बिक्री, मनोरंजन और भोजन पर आकर्षक योजनाएं और खरीदारों को भारी छूट की पेशकश की जाएगी. सरकार दिल्ली को अनुभवात्मक खरीदारी और फूड हब बनाने के लिए ग्रेड ए रिटेल और फूड स्पेस योजना लाएगी. दिल्ली सरकार आगामी दिनों में फूड ट्रक पॉलिसी लाएगी. दिल्ली सरकार क्लाउड किचन पॉलिसी लाएगी. दिल्ली में क्लाउड किचन की संख्या एक साल में 15,730 से बढ़कर 22,000 हो गई है. गांधीनगर गारमेंट का हब रहा है. अब इसे ग्रैंड गारमेंट हब बनाया जाएगा.
रोजगार के अवसर पैदा करने वाले विभिन्न प्रोजेक्ट्स की प्रमुख विशेषताएं–
दिल्ली के प्रसिद्ध रिटेल मार्केट का पुनर्विकास
केजरीवाल सरकार ने अगले 5 सालों में 20 लाख नए रोजगार पैदा करने के लिए कई सेक्टरों को चिन्हित किया है और उस पर तेजी से काम शुरू कर दिया गया है. दिल्ली सरकार प्रतिष्ठित रिटेल मार्केट लाजपत नगर, कमला नगर का पुनर्विकास करेगी. दिल्ली सरकार बिक्री बढ़ाने और देश भर से अधिक से अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए इन प्रतिष्ठित बाजारों की ब्रांडिंग करेगी. यह कोविड 19 के दौरान अपने घर जाने वाले प्रवासियों को दोबारा वापस बुलाने के लिए प्रोत्साहित करेगा. इससे बिक्री और नए रोजगार में वृद्धि होगी. इस मार्केटों के प्रचार, ब्रांडिंग और ढांचागत बदलाव से अगले 5 साल में 1.5 लाख नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है.
दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल
केजरीवाल सरकार दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन करेगी. यहां बिक्री, मनोरंजन और भोजन पर आकर्षक योजनाएं और खरीदारों को भारी छूट की पेशकश की जाएगी. दिल्ली सरकार द्वारा एसजीएसटी रिफंड के माध्यम से छूट को सक्षम किया जाएगा, साथ ही ग्राहकों को लॉटरी, पुरस्कार, स्क्रैच कार्ड दिए जाएंगे. परियोजना का उद्देश्य त्योहार के दौरान अधिक पर्यटकों को आकर्षित करना और इन बाजारों में खरीदारों और विक्रेताओं को फिर से जोड़ना है. दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल में 5 वर्षों में 1.2 लाख नौकरियां पैदा करने की क्षमता है.
ग्रेड ए रिटेल और फूड स्पेस योजना
दिल्ली को अनुभवात्मक खरीदारी और फूड हब बनाने के लिए ग्रेड ए रिटेल और फूड स्पेस योजना लाएगी. परिवहन विभाग द्वारा दिल्ली के अंदर मॉल्स और उच्च गुणवत्ता वाले भोजन की मांग को पूरा करने के लिए यह योजना शुरू की जाएगी. ग्रेड ए रिटेल और फूड स्पेस योजना के तहत बस डिपो की मौजूदा जमीन का इस्तेमाल विश्वस्तरीय फूड और रिटेल हब की स्थापना के लिए किया जाएगा, जिसमें 5 साल में 50 हजार नौकरियां पैदा करने की क्षमता होगी.
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फूड ट्रक पॉलिसी
दिल्ली सरकार आगामी दिनों में फूड ट्रक पॉलिसी लाएगी. पर्यटन विभाग द्वारा इसके जरिए दिल्ली में रेस्तरां और कैफे के लिए व्यावसायिक अवसरों को बढ़ावा देने, बाजार का आकार बढ़ाने, स्वादिष्ट भोजन और यूनिक फूड कॉन्सेप्ट को बढ़ावा देने पर काम करेगा. इस पॉलिसी के अंतर्गत दिल्ली में जिन रास्तों से ट्रक गुजरते हैं, उन स्थानों को चिन्हित करके विकसित किया जाएगा. इस महत्वाकांक्षी फूड ट्रक पॉलिसी से दिल्ली की अर्थव्यवस्था भी बढ़ेगी और इससे आगामी 5 वर्षों में 1,500 नए रोजगार पैदा होने की संभावना है.
क्लाउड किचन पॉलिसी
दिल्ली सरकार क्लाउड किचन पॉलिसी लाएगी. डीएसआईआईडीसी और उद्योग विभाग इसका नेतृत्व करेगा. इस पॉलिसी में केवल डिलीवरी रसोई स्थापित की जाएगी. उपभोक्ताओं की बदलती पसंद के साथ यह कॉन्सेप्ट रेस्तरां इंडस्ट्री में एक मजबूत सेगमेंट के रूप में उभर रही है. दिल्ली में क्लाउड किचन की संख्या एक साल में 15,730 से बढ़कर 22,000 हो गई है. प्रति एक लाख राजस्व पर एक नौकरियों (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से गिग जॉब्स) की संख्या उद्योग को महत्वपूर्ण बनाता है. क्लाउड किचन पॉलिसी की मदद से दिल्ली में क्लाउड किचन को वैध बनाने, नियमित करने और सरल संचालन करने के साथ ही 5 वर्षों में 30 हजार नौकरियां पैदा की जा सकेगी.
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दिल्ली फूड हब को दिया जाएगा बढ़ावा
केजरीवाल सरकार दिल्ली में फूड हब को बढ़ावा देगी. इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से दिल्ली फूड हब योजना का पुनर्विकास किया जाएगा. इसका उद्देश्य व्यावसायिक अवसरों को बढ़ाना है, साथ ही ग्राहकों को सुरक्षित, स्वच्छ और आकर्षक फूड जोन जैसा माहौल देना है. दिल्ली फूड हब परियोजना के पुनर्विकास के तहत दिल्ली में प्रसिद्ध फूड हब का प्रमोशन, ब्रांडिंग और नवीनीकरण किया जाएगा. इससे आगामी 5 वर्षों में 6 हजार युवाओं के लिए रोजगार पैदा होंगे.
गांधीनगर को बनाया जाएगा ग्रैंड गारमेंट हब
गांधीनगर गारमेंट का हब रहा है. अब इसे ग्रैंड गारमेंट हब बनाया जाएगा. सरकार की योजना है कि गांधीनगर में विनिर्माण इकाईयों और खुदरा बाजार दोनों का पुनर्विकास और प्रचार किया जाएगा. इसका उद्देश्य उद्योग विभाग और डीएसआईआईडीसी द्वारा खुदरा, थोक व्यापार और मैनुफैक्चरिंग से जुड़े 8.25 लाख से अधिक रोजगार के अवसर विकसित करना है, साथ ही 10 हजार मैनुफैक्चरिंग इकाइयों का विकास किया जाएगा. हब को ‘द गारमेंट डेस्टिनेशन ऑफ दिल्ली’ के रूप में रीब्रांड किया जाएगा. इसे खास बनाने के लिए ‘रेडीमेड इन दिल्ली’ के नाम से स्वदेशी टैग दिया जाएगा. ग्रैंड गारमेंट हब योजना के तहत गांधीनगर में मैनुफैक्चरिंग इकाईयों और खुदरा बाजार, दोनों का पुनर्विकास और प्रचार किया जाएगा. इससे 5 वर्षों में 43 हजार नए रोजगार पैदा किए जाएंगे.
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नॉन-कन्फर्मिंग अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास
दिल्ली सरकार नॉन-कन्फर्मिंग अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास करने की योजना बनाई है. इस परियोजना के तहत उद्योग विभाग नॉन कन्फर्मिंग अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास करेगा. इस परियोजना के तहत उद्योग विभाग द्वारा कोरोना के चलते प्रभावित 51,000 इकाईयों को 30 जून 2022 के बाद बंद होने के खतरे से सुरक्षित किया जाएगा. यहां पर बड़े पैमाने पर 15.55 लाख से अधिक नौकरी के अवसर बढ़ेंगे. दिल्ली सरकार की ओर से स्वच्छ और सुरक्षित कार्य वातावरण, केंद्रित विकास रणनीति, कर अनुपालन, लाइसेंस शुल्क आदि विभिन्न पहलुओं पर नजर रखी जाएगी. गैर-अनुरूप अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास करके सरकार 25 अधिसूचित गैर-अनुरूप औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास में मदद करेगी. इससे 5 साल में 6 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
इलेक्ट्रॉनिक सिटी
दिल्ली सरकार के उद्योग विभाग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सिटी परियोजना की देखरेख की जाएगी. इसके जरिए भविष्य में ‘ग्रीन क्लीन सस्टेनेबल’ उद्योगों में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा. यह एमएसएमई घटना निर्माताओं को एंकर इकाईयों के आसपास क्लस्टर करने की सुविधा प्रदान करेगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा. इलेक्ट्रॉनिक सिटी की स्थापना करके दिल्ली सरकार 5 वर्षों में 85 हजार रोजगार सृजित करेगी, साथ ही दिल्ली समेत पूरे देश में इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग को पूरा करने के लिए डिजाइन और विनिर्माण इकाईयों के समूह स्थापित करेगी.
दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी
‘दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी’ की देखरेख उद्योग विभाग और डीएसआईआईडीसी द्वारा की जाएगी. यह मान्यता प्राप्त उद्यमियों और स्टार्टअप्स, पैनल मेंटॉर्स, विषय विशेषज्ञों और निवेशकों को वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करेगा, साथ ही सह-कार्यस्थलों, इन्क्यूबेटरों और निर्माण प्रयोगशालाओं का एक डिजिटल नेटवर्क तैयार करेगा. दिल्ली स्टार्टअप नीति के तहत सरकार का लक्ष्य दिल्ली के लिए एक विशिष्ट स्टार्टअप पॉलिसी विकसित करके इसे स्टार्टअप का केंद्र बनाना है, जिसमें 5 वर्षों में 9 लाख नौकरियां पैदा करने की क्षमता है.
दिल्ली होलसेल शॉपिंग फेस्टिवल
केजरीवाल सरकार दिल्ली होलसेल शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन करेगी. यह आयोजन दिल्ली सरकार के पर्यटन विभाग की तरफ से किया जाएगा. इसके जरिए दिल्ली को व्यापार केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. इससे थोक व्यापार क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. साथ ही, प्रोत्साहन और ब्रांडिंग के माध्यम से थोक व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा. दिल्ली होलसेल शॉपिंग फेस्टिवल के तहत शहर में बड़े पैमाने पर शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित कर दिल्ली में होलसेल ट्रेड को बढ़ावा दिया जाएगा.
दिल्ली बाजार पोर्टल
दिल्ली सरकार एक ‘दिल्ली बाजार’ पोर्टल बना रही है. यह एक तरह से दिल्ली का अपना डिजिटल बाजार प्लेटफॉर्म होगा. इसका उद्देश्य दिल्ली के स्थानीय विक्रेताओं को दुनिया भर में पहुंचने में मदद करना है. वर्चुअल मार्केट का अनुभव प्राप्त करने के लिए वर्चुअल मार्केट टूर की पेशकश करना है. प्रत्येक विक्रेता के पास अपना स्वयं का वर्चुअल स्टोर 24 घंटे खुला होगा और लोग सुरक्षित व्यवसाय कर पाएंगे. दिल्ली बाजार प्रोजेक्ट से दिल्ली की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और इस पर स्थानीय विक्रेता और खरीदार जुड़ सकेंगे.
रोजगार बाजार 2.0
केजरीवाल सरकार ने कोविड के दौरान रोजगार बाजार पोर्टल लॉन्च किया था. उसकी सफलता के बाद सरकार अब ‘रोजगार बाजार 2.0’ लॉन्च करेगी, जिसका संचालन रोजगार विभाग और दिल्ली सरकार के डीएसईयू द्वारा किया जाएगा. इसका उद्देश्य दिल्ली में नौकरी तलाशने वालों और नौकरी देने वालों को एक प्लेटफॉर्म पर मिलाना है. जिससे जॉब तलाशने वालों को आसानी से नौकरी मिल सके और नौकरी देने वालों को आसानी से कर्मचारी मिल सकें. इसमें अत्याधुनिक तकनीक से स्मार्ट मैचिंग, नौकरी देने वाले का सत्यापन, प्लेसमेंट ट्रैकिंग जैसी उन्नत कार्यक्षमताओं का उपयोग किया जाएगा. यह दिल्ली की डिजिटल रूप से डिस्कनेक्ट की गई आबादी के लिए एक भौतिक मॉडल के माध्यम से करियर मार्गदर्शन, कौशल क्रेडेंशियल और स्वचालित विश्लेषण जैसी सेवाएं भी प्रदान करेगा.
इंडस्ट्रियल एरिया का री-जेनरेशन
दिल्ली सरकार द्वारा मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों में बेकार और बंजर पड़ी जमीन को औद्योगिक क्षेत्रों की विभिन्न आर्थिक गतिविधियों और वैकल्पिक चीजों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. उद्योग विभाग की ओर से इन क्षेत्रों का पुनर्जनन किया जाएगा. औद्योगिक गतिविधियों और मैन्यूफैक्चरिंग के चलते लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इसके माध्यम से केजरीवाल सरकार दिल्ली को ‘द सिटी ऑफ बिजनेस’ के रूप में री-ब्रांड और रिप्लेस करेगी.
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दिल्ली सोलर पॉलिसी
केजरीवाल सरकार दिल्ली सोलर पॉलिसी के माध्यम से हरित रोजगार भी पैदा करेगी. आगामी 5 वर्षों में 2500 मेगावाट (पीक) सौर ऊर्जा के प्लांट स्थापित कर 10 हजार रोजगार पैदा किए जाएंगे. स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल में 5 वर्षों में 25 हजार नौकरियां पैदा की जाएंगी. इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत दिल्लीभर में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करके अगले 5 वर्षों में 25 हजार नौकरियां सृजित की जाएंगी.
दिल्ली फिल्म पॉलिसी
दिल्ली सरकार दिल्ली फिल्म पॉलिसी बना रही है. यहां दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. दिल्ली में फिल्म शूटिंग के लिए विभिन्न विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. लोगों को सहूलियत देने के लिए सरकार एकल खिड़की बनाएगी और दिल्ली को फिल्म डेस्टिनेशन बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आयोजित करेगी. इसमें भी काफी रोजगार पैदा होने की संभावना है. वहीं, दिल्ली सरकार सभी विभागों के कामकाज पर नजर रखने के लिए रोजगार ऑडिट कराएगी. इसके अंतर्गत सरकारी विभागों के अंदर मौजूदा कर्मचारियों और नए रोजगार सृजन का रिकॉर्ड रखा जाएगा. उन पर निगरानी रखी जाएगी और इसे ट्रैक करने के लिए एक एप विकसित किया जाएगा.
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