भोपाल। हिंदू धर्म में तुलसी को बेहद ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है। तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा जाता है। हर वर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को तुलसी विवाह होता है। इसी दिन को देवउठनी एकादशी भी कहते हैं। आज देश भर में इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। राजधानी भोपाल, इंदौर ग्वालियर और जबलपुर में देव उठनी ग्यारस पर कई आयोजन हो रहे हैं। वहीं आज से ही विवाह जैसे मांगलिक और शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।

बतादें कि, निद्रा से उठने के बाद भगवान विष्णु देवउठनी पर सबसे पहले तुलसी की पुकार सुनते हैं। यही कारण है लोग इस दिन तुलसी की भी पूजन करते हैं और मनोकामना मांगते हैं। असल में तुलसी माध्यम है भगवान विष्णु को जगाने का, उनका आह्वान करने का। शास्त्रों के मुताबिक तुलसी-शालिग्राम विवाह कराने से पुण्य की प्राप्ति होती है। घर-घर में गन्ने से मंडप बनाया जाता है।

पारण का समय
देवउठनी पर तुलसी शालिग्राम का विवाह आज 23 नवंबर को होगा, देवउठनी एकादशी 22 नवंबर की रात 11:03 से शुरू कर 23 नवंबर की रात 09:01 बजे तक रहेगी। इस दिन व्रत रखा जाता है और तुलसी व सालिग्राम का विवाह कराया जाता है।

शुभ मुहूर्त
एकदशी पूजा मुहूर्त सुबह 6:50 से 08: 09 तक और रात्रि का शुभ मुहूर्त 05:25 बजे से रात 08:46 मिनट तक है। देवउठनी एकादशी व्रत पारण समय 24 नवंबर की सुबह 6 बजे से 08:13 तक रहेगा। बतादें कि, चार महीने बरसात और देवों के सोए रहने से किसी भी तरह के मांगलिक काम नहीं होते, देव उठनी एकादशी से मुंडन, विवाह, गृह प्रवेश जैसे सभी काम शुरू हो जाते हैं। यह दिन हेमंत ऋतु के आगमन का संदेश देता है।

भोपाल में होंगे कई सांस्कृतिक कार्यक्रम
राजधानी भोपाल में मंदिरों में तुलसी विवाह के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं। नेहरू नगर स्तिथ करुणाधाम आश्रम में गुरुदेव सुदेश शांडिल्य महाराज के सानिध्य में देवउठनी ग्यारस के दो दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत की गई हैं। आश्रम में तुलसी एवं शालिग्राम का विवाह होगा। बतादें कि यहां देवउठनी ग्यारस का भव्य आयोजन सम्पूर्ण सनातन संस्कृति की विवाह पद्धति के अनुरूप किया जाएगा। इसके साथ ही पूरे आश्रम को आकर्षक लाइट से सजाया गया है। वहीं मंदिरों में रंगोली बनाई जाएगी।

इंदौर में किए जाएंगे आयोजन
शहर में आज विभिन्न धार्मिक-सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वहीं विवेक चूडामणि ग्रंथ पर चार दिनी प्रवचनामाला की शुरुआत होगी। इसके साथ ही कथक की बारीकियों पर भी कार्यशाला आयोजित की जाएगी।

वहीं यहां पावन सिद्ध धाम श्रीलक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में शाम 6 बजे से अन्नकूट महोत्सव आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रभु वेंकटेश का मनोहारी दर्शन कर महाप्रसादी का लाभ भक्त लेंगे। इस मौके पर प्रभु वेंकटेश, भगवती श्रीमहालक्ष्मी और रामानुज स्वामीजी को अनेक प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। वहीं मंदिर में फूलो की रंगोली भी बनाई जाएगी।

ग्वालियर में देवउठनी ग्यारस में सभी बैंड हुए बुक
तुलसी-शालिग्राम विवाह के साथ ही ग्वालियर में बैंड बाजों के साथ ही मैरिज गार्डन, होटल्स की धूम भी शुरू हो गई है। बैंड बाजा के बिना विवाह अधूरा रहता है। आज शहर में 300 से ज्यादा शादियां हैं। लिहाजा ग्वालियर के बैंड मार्केट में भी ग्राहकों की बहार है। ग्वालियर में लगभग 100 से ज्यादा बैंड बाजों की दुकानें हैं। इनके पास लगभग 700 से ज्यादा बैंड है।

देवउठनी ग्यारस के चलते सभी बैंड बुक है और जिले भर में बैंड की धूम नजर आ रही है। बैंड संचालकों का कहना है कि कोरोना काल के बाद इस साल शादियों की बहार है लिहाजा उनका धंधा भी जबरदस्त होगा। आज देवउठनी ग्यारस के मौके पर लगभग सभी बैंड पहले से बुक हो चुके हैं। बतादें कि यहां करीब सवा चार सौ जोड़े भी दांपत्य जीवन में बंधेंगे। अबूझ मुहूर्त में इतनी अधिक संख्या में शादियां होने के कारण बाजारों में रौनक बिखर गई है।

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