भिलाई. छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने संभाग स्तरीय अपराधों की समीक्षा बैठक लेकर अधिकारियों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए. साथ ही कम्युनिटी और बेसिक पुलिसिंग पर जोर देने, छत्तीसगढ़ में सामूहिक अपराधों पर लगाम लगाने की बात कही. दुर्ग संभाग के सातों जिलों के एसपी सहित आईजी और तमाम पुलिस के आला अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट कार्ड डीजीपी को सौंपा.

बैठक में डीजीपी ने जिले में क्राइम को रोकने और क्राइम को बढ़ने के कारण पूछे. इस मीटिंग में दुर्ग संभाग के आईजी सहित रायपुर के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. वहीं दुर्ग संभाग के अंतर्गत आने वाले 2 नए जिले खैरागढ़ छुई खदान गंडई और मानपुर मोहला चौकी के पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे, जहां उनसे नए जिलों की क्राइम रेट और क्राइम कंट्रोल की जानकारी ली गई. इस दौरान पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने अपराधों की समीक्षा की और आने वाले दिनों में जो चैलेंजेस आने वाले हैं, उनका किस तरह से सामना किया जाए, इस पर भी चर्चा की.

डीजीपी अशोक जुनेजा ने पुलिस के सामने चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि अपराध एक डायनेमिक चीज है और हमेशा बदलती रहती है. मैं जब एसपी था तब उस समय में क्रिप्टो करेंसी और साइबर क्राइम के मामले नहीं थे. आज इन मामलों में वृद्धि हुई है, जिस तरह राजनांदगांव में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी का एक अपराध सामने आया है, जो हमारे लिए केस स्टडी का विषय बन गया है. इस तरह हमें पुलिस को इस तरीके से सक्षम और तैयार करना है कि आने वाले चैलेंजेस को स्वीकार करे, इसलिए आज हमने रणनीति बनाई है कि आने वाले दिनों में कैसे हैंडल किया जाए.

नक्सलियों के कोर एरिया तक पहुंचने में सफल
डीजीपी ने नक्सलियों के बैकफुट पर जाने के सवाल पर कहा कि छत्तीसगढ़ की पुलिसिंग और केंद्रीय सुरक्षा बलों की सहायता से कई नक्सल ऑपरेशन चलाकर काफी हद तक नक्सलियों के कब्जे वाले कोर एरिया तक पहुंचने में सफलता हासिल किए हैं. साथ ही कोर एरिया में कैंप लगाए गए हैं. वहां से हम पुलिस विभाग के माध्यम से लोगों को सेवा दे रहे हैं और जनता का विश्वाश हासिल करने में सफल हुए हैं.